पूर्व सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह ने चार दिन पहले पूर्व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को दो टूक कह दिया था कि पार्टी में वफादारी व संघर्ष की कोई कीमत नहीं तो उनका यहां काम करना संभव नहीं है। प्रियंका ने उन्हें बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया लेकिन अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। इससे वह बेहद नाराज हैं। चौधरी विजेंद्र सिंह काफी समय से पार्टी गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं। वरिष्ठता के बावजूद पार्टी में हो रही अनदेखी से वह आहत हैं। चौधरी विजेंद्र सिंह और सपा के पूर्व विधायक हाजी जमीरउल्लाह के बीच वर्ष 2018 लोक सभा चुनाव से पूर्व नजदीकी हुई थी, जिसके चलते जमीरउल्लाह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
विधानसभा चुनाव के दौरान मुलायम परिवार में हुए खींचतान के दौरान जमीर उल्लाह अपने समर्थकों संग शिवपाल यादव के खेमे में चले गए थे। उन्होंने विधान सभा चुनाव निर्दलीय लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। एक बार फिर उन्होंने सपा का दामन थाम लिया है। सपा से वह दो बार विधायक रह चुके हैं। प्रधान संगठन के अध्यक्ष अर्जुन सिंह भालू सपा में शामिल हो गए हैं। वह रात को ही लखनऊ रवाना हो गए थे। शनिवार को उन्होंने सपा छात्रसभा के निर्वतमान जिलाध्यक्ष रंजीत चैधरी के साथ पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की।