20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 136 परियोजनाएं केंद्रीयमंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश के 70 शहरों में सरकार ने सीवेज को शोधन बिना, नदियों में जाने से रोकने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 136 परियोजनाएं संचालित की हैं। इनके माध्यम से शहरों में सीवेज नेटवर्क और एसटीपी तंत्र विकसित किया जा रहा है। केंद्रीयमंत्री ने धर्ममनगरी को तोहफा देते हुए कहा कि ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत मथुरा के मसानी में 30 एमएलडी का एसटीपी, ट्रान्स यमुना में 20 एमलडी का टीटीआरओ प्लांट व एक सीवेज पम्पिंग स्टेशन बनेगा। यमुना में सीधे गिरने वाले 20 नालों की टैपिंग के साथ आठ पुराने पम्पिंग स्टेशन व 3 एसटीपी का जीर्णोद्धार भी होगा।
इंडस्ट्री से निकलने वाले रसायनों से मुक्त होगा यमुना जल केंद्रीय मंत्री द्वारा किए गए शिलान्यास योजना के मुताबिक यमुना की निर्मलता व अविरलता के लिए वृन्दावन में पांच नालों की टैपिंग की जाएगी। साथ में 4 एमएलडी के मौजूदा एसटीपी व चार पुराने सीवेज पम्पिंग स्टेशन का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। 4 एमएलडी के एसटीपी के सीवेज को मांट रोड (वृन्दावन) के 8 एमएलडी के एसटीपी तक ले जाने के लिए 2.9 किमी० राइजिंग लाइन बनाई जाएगी। यमुना के जल को मथुरा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री से निकलने वाले रसायनों से मुक्त करने के लिए वर्तमान CETP प्रोजेक्ट को अपग्रेड किया जाएगा।
‘स्वच्छ घाट-स्वच्छ मथुरा’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की ‘स्वच्छ घाट-स्वच्छ मथुरा’ योजना के तहत मथुरा के 27 घाटों की स्वच्छता पर 3.60 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नमामि गंगे’ परियोजना के तहत गंगा सहित देश की 40 नदियों की निर्मलता के लिए सरकार काम कर रही है। 25,563 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुईं 261 परियोजनाओं में से 75 पूर्ण हो चुकी हैं। गडकरी ने कहा कि देश के 70 शहरों में केंद्र सरकार ने सीवेज को शोधन बिना, नदियों में जाने से रोकने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से 136 परियोजनाएं संचालित की हैं। इनके माध्यम से शहरों में सीवेज नेटवर्क और एसटीपी तंत्र विकसित किया जा रहा है।
ताजनगरी को 857.26 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात वहीं आगरा को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत 857.26 करोड़ की योजनाओं का तोहफा दिया। तीन नए एसटीपी लगाए जाएंगे जिनकी क्षमता 166 एमएलडी होगी। धांधुपुरा में 100 एमएलडी, पीलाखर में 35 एमएलडी और जगनपुर में 31 एमएलडी क्षमता के एसटीपी लगाए जाएंगे। 10 डीसेंट्रलाइज्ड एसटीपी भी लगेंगे जिनकी क्षमता 9.38 एमएलडी होगी। 10 नए पंपिंग स्टेशन बनेंगे। 61 नलों की टेपिंग की जाएगी। शेष 29 नालों की स्थिति में सुधार किया जाएगा। प्रोजेक्ट के पूरा होने से मौजूदा 221 एमएलडी की क्षमता 176 एमएलडी और बढ़ जाएगी। तीन साल में काम पूरा कर लिए जाने का दावा है। अमृत योजना के तहत पश्चिम जोन में 251 किमी की सीवेज लाइन डाली जाएगी।