यह भी पढ़ेंबाप-बेटे के बुभुक्षा, बेबसी, बीमारी, बैंक बैलेंस की कहानी, जो उनकी मौत के बाद सामने आई, देखें वीडियो पत्रिकाः डॉक्टर साहब, क्या ऊपरी चक्कर और भूत-प्रेत जैसा कुछ होता है, लोग सलाह देते हैं कि बालाजी ले जाओ?
डॉ. एके गुप्ताः अधिकांश मामलों में जब लोगों को बीमारी समझ में नहीं आती है तो उसे भूत प्रेत और ऊपरी चक्कर से जोड़ देते हैं। कई लोग इसका फायदा उठाते हैं। बालाजी मंदिर क्या आसपास के बाबा, तांत्रिक, ओझा पर ले जाते हैं। ये अलग-अलग तरीके से इलाज के नाम पर मरीजों को परेशान करते हैं। कई बार मरीज को जला देते हैं। इससे बीमारी खराब हो जाती है। मरीज ठीक नहीं होते हैं तो हमारे पास आते हैं। फिर हम उनका दवा देते हैं। दवा से धीरे-धीरे ठीक होते हैं। तब जाकर वे समझ पाते हैं कि अच्छा ये बीमारी है और इसका इलाज संभव है। पहले दवाएं नहीं थी। बीमारी बहुत लम्बी खिंच जाती थी। आजकल दवाइयां बहुत अच्छी आ गई हैं। बीमारियां पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं। जब ठीक होकर अपने गांव में जाते हैं तो अपने आसपास के लोगों को बता पाते हैं कि ये बीमारी ठीक हो सकती है। धीरे-धीरे ये जानकारी बढ़ती जा रही है और इलाज बेहतर होता जा रहा है।
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डॉ. एके गुप्ताः मैंने देखा नहीं है। आपने देखा हो तो पता नहीं, या हमारे श्रोताओं ने देखा हो तो पता नहीं। आज तक मैं जिससे भी मिला हूं, किसी ने भूत नहीं देखा है, लेकिन उसका भय मन में जरूर है।
पत्रिकाः धार्मिक आधार बात करें तो भूत-प्रेत होता हैं?
डॉ. एके गुप्ताः भगवान है। भगवान हमें शक्ति देते हैं, यह मानना अच्छी बात है। हम भी यह मानकर इलाज करते हैं कि भगवान हमारी मदद कर रहे हैं। जिससे हमारी शक्ति कमजोर पड़ने लगे, जिससे हम डरने लगें, उसे मानना ठीक नहीं होगा। भूत-प्रेत का कोई सबूत नहीं है।
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डॉ. एके गुप्ताः ये ज्यादातर बीमारियां होती हैं, जिसकी वजह से अचानक आवाजें आने लगती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि भगवान बात कर रहे हैं या देवी का आवाज आ गई। ये आवाजें ऐसी होती हैं, जैसे आसपास बैठकर लोग बात कर रहे हैं। पक्का विश्वास करने लगते हैं और बातों पर कई बार अमल भी करने लगते हैं। पड़ोस के लोगों को बताते हैं कि भगवान मेरे को बता रहे हैं, भगवान ये बोल रहे हैं। फिर लोगों को लगता है कि इनके पास भगवान की शक्ति है और यह धारण बढ़ जाती है।
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डॉ. एके गुप्ताः ये सब भगवान में विश्वास के कारण है। जगराता में कुछ लोगों पर देवी मां आ जाती है और अचानक झूमने लगते हैं। आपने कभी सोचा है कि उन्हीं पर क्यों आती है। ऐसा तो नहीं है कि वे बहुत धार्मिक और पाक-साफ लोग हैं। जिन्हें विश्वास है कि देवी मां आ सकती है, उन्हीं खास लोगों पर आती है। देवी मां का आना मन की सोच है। यह भी एक बीमारी है और सौ प्रतिशत ठीक हो जाती है।