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आगरा

हिन्दी दिवसः अहिन्दी भाषियों के लिए हिन्दी में रोजगार का द्वार है केन्द्रीय हिन्दी संस्थान

-केन्द्रीय हिन्दी संस्थान में अलग-अलग देशों से 100 से भी अधिक छात्र-छात्राएं हर साल आते हैं-विदेशी छात्रों को हिन्दी के सथ संगीत, नृत्य, वाद्ययंत्र, योग की शिक्षा भी दी जा रही

आगराSep 14, 2019 / 12:07 pm

अमित शर्मा

हिन्दी दिवसः अहिन्दी भाषियों के लिए हिन्दी में रोजगार का द्वार है केन्द्रीय हिन्दी संस्थान

हिन्दी दिवसः अहिन्दी भाषियों के लिए हिन्दी में रोजगार का द्वार है केन्द्रीय हिन्दी संस्थान

आगरा। अहिन्दी भाषी क्षेत्रों के लिए केन्द्रीय हिन्दी संस्थान वरदान साबित हो रहा है। ताजमहल के शहर आगरा से भी दुनिया के लोगों को हिन्दी भाषा का ताज पहनाया जा रहा है। आगरा स्थित केन्द्रीय हिन्दी संस्थान में हिन्दी पढ़ने के लिए हर साल अलग-अलग देशों से 100 से भी अधिक छात्र-छात्राएं आते हैं। यहां छात्र-छात्राएं हिन्दी लिखना, पढ़ना व बोलना भी सीखते हैं। यही हिन्दी इन्हें रोजगार भी दिला रही है। भारत सरकार के ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ के अधीन ‘केन्द्रीय हिन्दी संस्थान’ एक उच्चतर शैक्षिक और शोध संस्थान है, जो 1960 के दशक से दुनियाभर में हिन्दी का परचम लहरा रहा है।
उत्तर प्रदेश में आने वालों के लिए क्यों खास है हिन्दी
हिन्दी भाषा विश्व में दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में ही बोली जाती है। ऐसे में भारत को जानने और समझने के साथ ही व्यापार व रोजगार की संभावना तलाशने वालों के लिए हिन्दी रामबाण है। आगरा का केंद्रीय हिन्दी संस्थान करीब 59 साल से हिन्दी का प्रचार-प्रसार कर रहा है। यहां देशी- विदेशी छात्र-छात्राएं हिन्दी का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।
केन्द्रीय हिन्दी संस्थान का उद्देश्य
संविधान के अनुच्छेद 351 के दिशा-निर्देशों के अनुसार हिन्दी को समर्थ और सक्रिय बनाने के लिए अनेक शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक अनुसंधानों के द्वारा हिन्दी शिक्षण-प्रशिक्षण, हिन्दी भाषाविश्लेषण, भाषा का तुलनात्मक अध्ययन तथा शिक्षण सामग्री आदि के निर्माण को संगठित और परिपक्व रूप देने के लिए सन 1961 में भारत सरकार के तत्कालीन ‘शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय’ ने ‘केंद्रीय हिन्दी संस्थान’ की स्थापना उत्तर प्रदेश के आगरा नगर में की थी। हिन्दी संस्थान का प्रमुख कार्य हिन्दी भाषा से संबंधित शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित करना, शोध कार्य कराना और साथ ही हिन्दी के प्रचार व प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाना है। यह अब विश्व पटल पर हिन्दी का लोहा मनवा रहा है।
विदेशी छात्रों को हिन्दी के लिए भाया भारत
केन्द्रीय हिन्दी संस्थान की आगरा में नींव रखे जाने के बाद 1962 में केंद्रीय हिन्दी संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन आ गया। तभी से लगातार केंद्रीय हिन्दी संस्थान की ओर से हिन्दी का विदेशों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। यहां छात्रवृत्ति पर विदेशी छात्र हिन्दी पढ़ने के लिए आते हैं। जो हिन्दी सीखने के साथ ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता से भी रूबरू होते हैं। विदेशी छात्रों को संगीत, नृत्य, वाद्ययंत्र, योग की शिक्षा भी दी जा रही है।
28 देशों के छात्र से ले रहे हिन्दी का ज्ञान

केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. नंद किशोर पांडे ने बताया कि साल 2019-20 सत्र में करीब 28 देशों के 100 छात्र-छात्राएं शिक्षा ले रहे हैं। पिछले कुछ सालों में हिन्दी के प्रति विदेशीयों का रुख बढ़ रहा है। जिन देशों के छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है उनमें चीन, जापान, यूक्रेन, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, इजिप्ट, बांग्लादेश, श्रीलंका, रूस आदि शामिल हैं।

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