सिकंदरा के आवास विकास सेक्टर 16 में शुक्रवार को नीली जींस का हॉफ पैंट और लाल रंग की शर्ट पहने एक चार साल के करीब उम्र का बच्चा लोगों के दरवाजे पर भीख मांग रहा था। लड़के के रंग गोरा था और उसके बाल आगे क्रीम कलर के रंगे से रंगे थे। बच्चा देखने में अच्छे परिवार का लग रहा था। एक घर के सामने जब बच्चे ने पैसे मांगने शुरू किए तो बच्चे की हालत देखकर परिवारीजनों ने पूछताछ शुरू कर दी। बच्चे से जब पूछा कि वो कहां से आया है तो ठीक से जवाब नहीं दे सका। उससे पूछा स्कूल जाते हो, तो कहा कि पहले जाता था। कहां रहते हो इस सवाल पर उसने कहा कि झुग्गी में रहता हूं। बच्चा कुछ और बताता इससे पहले ही एक महिला आई और बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब कॉलोनी के लोगों ने निकलकर उसकी तलाश की तो महिला का कहीं पता नहीं लगा। लोगों को आशंका हुई कि बच्चे को चोरी कर भीख मंगाई जा रही है। इसके बाद उसकी कई झुग्गी झोपड़ियों में तलाश की गई। लेकिन, महिला का कोई सुराग नहीं लग सका।
बच्चों के लिए काम करने वाली महफूज संस्था के पश्चिम उत्तर प्रदेश के कोआॅर्डिनेटर नरेश पारस ने बताया कि शहर में भिक्षावृत्ति की आड़ में बच्चों की तस्करी की जा सकती है। कुछ लोग मेट्रो शहर से बच्चों को चोरी कर ले आते हैं और उनसे भीख मंगाने का काम करते हैं। बच्चों के भीख मांगने के दौरान एक मॉनीटर हर समय उनके आस पास रहता है। नरेश पारस का कहना है कि भिक्षावृत्ति का वे विरोध नहीं करते हैंं। लेकिन, इसकी आड़ में होने वाले गोरखधंधे पर पुलिस सख्त कार्रवाई करे। पुलिस विभाग से मांग की थी कि थानों में भीख मांगने वालों का डाटा रखा जाए। दूसरे राज्यों से आने वाले भिखारियों पर नजर रखी जाए। खासतौर से ऐसे भिखारियों पर जिनके पास बच्चे हों।