scriptNational Adoption Day 2018: इटेलियन और स्पेनिश मां की गोद में गूंज रही भारतीय बच्चों की किलकारी, खूब भा रहे भारतीय बच्चे | Italian and Spanish couple adopt indian childrens special story | Patrika News
आगरा

National Adoption Day 2018: इटेलियन और स्पेनिश मां की गोद में गूंज रही भारतीय बच्चों की किलकारी, खूब भा रहे भारतीय बच्चे

नेशनल एडॉप्शन डे 2018, बच्चों के लिए ममता और मां की सूनी गोद में खुशियां भरने का दिन।

आगराNov 18, 2018 / 05:13 pm

धीरेंद्र यादव

National Adoption Day 2018

National Adoption Day 2018

आगरा। नेशनल एडॉप्शन डे 2018, बच्चों के लिए ममता और मां की सूनी गोद में खुशियां भरने का दिन। ये दिन खास है उन बच्चों के लिए जो अनाथलयों की चार दिवारी में अपनी दुनिया खोज रहे हैं, तो वहीं अचानक उनके लिए माता पिता का प्रेम की एक उम्मीदभरी किरण मिल जाती है। हम बात कर रहे हैं, गोद लेने की उस परम्परा की, जो अभी से नहीं, बल्कि सदियों से चली आ रही है। भारतीयों के साथ विदेशी मेहमानों में भी इस परम्परा की ललक तेज हुई है। ऐसे माता पिता जिन्हें किसी कारणवश संतान सुख नहीं मिल पाता है, वे भारतीय बच्चों को गोद ले रहे हैं।
विदेशों में पहुंचे भारतीय बच्चे
खास बात ये है कि विदेशी मेहमानों को भी भारतीय बच्चे खूब भा रहे हैं। शाहगंज स्थित बाल संरक्षण गृह की संरक्षिका उर्मिला गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक 30 बच्चे गोद दिए गए हैं। उसमें से एक बच्चे को यूएसए के एनआरआई परिवार ने गोद लिया है। वहीं दो बच्चे जो जुडवां थे, उन्हें इटली के दंपत्ति ने गोद लिया है। एक बच्ची को स्पेन के दंपत्ति ने गोद लिया है। उर्मिला गुप्ता ने बताया कि अभी दो बच्चों को इटली के एक परिवार ने पसंद कर लिया है, इन बच्चों को भी गोद देने की प्रक्रिया चल रही है।

ये है गोद लेने की प्रक्रिया
बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए केन्द्रीय दस्तक ग्रहण इकाई नाम से बेवसाइट होती है, जो महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधीन चलती है। इस बेवसाइट पर पहले दंपत्ति को अपना आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस प्रक्रिया में दो जिलों के बाल गृहों का नाम देना होता है। बाल गृह के संरक्षक परिवार के लोगों का वेरीफिकेशन करते हैं। केस स्टडी तैयारी होती है, जिसके बाद होम स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसके बाद सारे दस्तावेजों की जांच होती है और फिर आवेदक को बाल गृह बुलाया जाता है। बाल गृह में मौजूद बच्चों की जानकारी दी जाती है, फिर ये बच्चों का चुनाव करेंगे। इसके बाद में बाल कल्याण समिति दंपत्ति से बातचीत करेगी और एडॉप्शन फ्री करेगी। इसके बाद बच्चे को लिखा पढ़ी के माध्यम से गोद दे दिया जाएगा।

गोद देने के बाद करते हैं फॉलोअप
ऐसा नहीं, कि बच्चे को एक बार गोद दे दिया, तो उसको भूल जाएं। बाल संरक्षण गृह द्वारा गोद दिए गए बच्चे के परिवार को लगातार फॉलो किया जाता है, कि किस तरह बच्चे की परवरिश की जा रही है। बच्चे को गोद किसी गलत प्रयोजन से तो नहीं लिया गया है। बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया आगरा की बात करें, तो यहां पर दो बाल संरक्षण ग्रह हैं। जिनमें हर वर्ष लगभग बड़ी संख्या में बच्चों को अपना नया घर मिल जाता है। नरेश पारस ने बताया कि इतना नहीं, कई विदेशियों ने भी भारतीय बच्चों को गोद लिया है।

Home / Agra / National Adoption Day 2018: इटेलियन और स्पेनिश मां की गोद में गूंज रही भारतीय बच्चों की किलकारी, खूब भा रहे भारतीय बच्चे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो