इस माह में गेहूं, चावल, जौ का सेवन करें। दालों में मूंग की दाल सबसे बेहतर है। सब्जियों में हरी सब्जियां और मटर आदि खाना अच्छा है। इस माह में तिल का सेवन भी कर सकते है। खाने में सेंधा नमक का प्रयोग करें।
तामसिक भोजन से बचें। तामसिक भोजन गरिष्ठ होता है और इसे पचाने के लिए शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है। यानी तामसिक भोजन पचाने में शरीर की ज्यादा उर्जा खर्च होती है। मलमास के महीने में उड़द, मसूर की दाल से परहेज करना चाहिए। बैगन, फूलगोभी, मूली और पत्तागोभी भी कम खाएं। इसके अलावा मांस, मदिरा और धूम्रपान आदि से पूरी तरह परहेज करें।
इस माह में भूखे लोगों, पशुओं आदि को भोजन खिलाना चाहिए। जरूरतमंद को दान आदि करें। इष्ट देव के नाम का जाप करें। यदि आपके पास गुरूमंत्र है तो सूर्योदय, सूर्यास्त के समय इनका जाप कर सकते हैं।
मलमास में सांसारिक कर्म करने से पूरी तरह परहेज करें। सांसारिक कर्म जैसे गृहप्रवेश न करें, नए घर बनाने के लिए नींव न रखें, बच्चों का मुंडन न कराएं, यज्ञोपवीत न कराएं, विवाह भी नही करना चाहिए।