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आगरा

Lockdown Impact: ताजनगरी में जूता कारोबार को बड़ा झटका, अब तक हुआ 7500 करोड़ का नुकसान

आगरा का जूता कारोबार पूरी तरह निर्यात पर निर्भर है, 60 फीसदी से ज्यादा आर्डर हो चुके हैं निरस्त…

आगराApr 28, 2020 / 01:44 pm

suchita mishra

Lockdown Impact: ताजनगरी में जूता कारोबार को बड़ा झटका, अब तक हुआ 7500 करोड़ का नुकसान

Lockdown Impact: ताजनगरी में जूता कारोबार को बड़ा झटका, अब तक हुआ 7500 करोड़ का नुकसान

आगरा. लॉकडाउन के चलते ताजनगरी के जूता कारोबार को बड़ा झटका लगा है। इसके चलते जूता कारोबार को 7500 करोड़ का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि जूता कारोबार पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर है और आगरा में करीब चार लाख लोगों की आजीविका का साधन अकेले जूता कारोबार है। लेकिन दुनियाभर में कोरोना के प्रकोप के चलते निर्यात किया गया माल विदेशी बंदरगाहों पर पड़ा है, वहीं सर्दियों के आधे से ज्यादा आर्डर निरस्त हो चुके हैं।
60 फीसदी आर्डर हुए निरस्त

इस मामले में निर्यातकों के संगठन एफमेक के उपाध्यक्ष राजेश सहगल का कहना है कि जूता कारोबार को लॉकडाउन से अब तक 7500 करोड़ का घाटा हुआ है। कोरोना के कारण जूता कारोबार को हर तरफ से मुश्किलों ने घेर लिया है। अब तक हो चुके निर्यात का 2500 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ है, वहीं आगामी सर्दियों के 60 प्रतिशत आर्डर कैंसिल किए जा चुके हैं। इनकी कीमत भी करीब 2500 करोड़ है। इसके अलावा अगली गर्मियों के आर्डर भी मिलने काफी मुश्किल लग रहे हैं क्योंकि पहले सर्दियों के माल की डिलीवरी होगी, तब गर्मियों के लिए आर्डर मिलेगा। इस महामारी के चलते घरेलू जूता उत्पाद भी प्रभावित हुआ है। लेकिन जूता उद्योग घाटे से तभी उबर पाएगा जब भारत के अलावा विदेशों के हालात भी सामान्य होंगे।
पर्यटन को 1000 करोड़ का नुकसान

इसके अलावा पर्यटन को भी लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। दरअसल कोरोना के कारण फरवरी से अप्रैल का सीजन बुरी तरह पिट गया है। ये पर्यटकों के आने का पीक सीजन होता है। इसके बाद नवंबर में विदेशी पर्यटक भारत आते हैं। लेकिन आज के हालात देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि आगामी नवंबर तक स्थिति सामान्य हो पाएगी। पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार अब तक इस उद्योग को 1000 करोड़ का नुकसान हुआ है और इस संकट से उबरने में इस इंडस्ट्री को कम से कम डेढ़ साल लगने का अनुमान है। पर्यटन इंडस्ट्री के घाटे में जाने के कारण हैंडीक्राफ्ट, ट्रैवल एजेंसी, होटल और रेस्त्रां को भी काफी नुकसान हुआ है। बता दें कि आगरा को दुनियाभर में ताजमहल के कारण पर्यटन का बड़ा केंद्र माना जाता है। करीब चार लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस पेशे से जुड़े हुए हैं।
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