एत्मादपुर के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार राहुल शर्मा ने बताया कि गतवर्षों के चुनाव में एत्मादपुर विधानसभा हर जीत में प्रमुख भूमिका अदा कर रहा है। इसका कारण आगरा में तीन विधानसभाओं में सपा और बसपा के गठबंधन और भाजपा के प्रत्याशी बराबरी की टक्कर पर रहते हैं। इसके बाद निर्णायक भूमिका एत्मादपुर विधानसभा और जलेसर विधानसभा रहती है। उन्होंने कहा कि यहां सबसे ज्यादा क्षत्रिय हैं, उसके बाद जाटव और बाकी फिर मिश्रित आबादी शुरू हो जाती है।
एसपी सिंह बघेल तीन बार सांसद रह चुके हैं। अधिकतर लोग उनसे परिचत हैं। मनोज सोनी गाजियाबाद रहते हैं और कांग्रेस प्रत्याशी प्रीता हरित भी बाहर से आई हैं। ऐसे में स्थानीय प्रत्याशी तो भाजपा के एसपी सिंह बघेल को ही मानकर चल रहे हैं। दूसरी बात गत वर्षों के चुनाव में ज्यादतर लोग मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं। व्यक्तिगत राय भी ये है कि प्रत्याशी भी खुद मेहनत करने के बजाय, मोदी के नाम पर ही मैदान में हैं।
विधानसभा मतदान प्रतिशत लोकसभा चुनाव 2014 में
एत्मादपुर
66.0
जलेसर
59.0
छावनी
57.2
दक्षिणी
60.14
उत्तरी
59.5
कुल
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