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Maha shivaratri 2020: शिव पूजन के दौरान भूलकर भी न करें ये छह गलतियां

 
शिव जितनी आसानी से प्रसन्न होते हैं, उतनी ही जल्दी रुष्ट भी होते हैं। इसीलिए उनके पूजन में ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे भगवान क्रोधित हों।

आगराFeb 13, 2020 / 12:51 pm

suchita mishra

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हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को शिव की विशेष आराधना का दिन माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन भोलेनाथ एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से भी प्रसन्न हो जाते हैं। हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस बार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि है। इस दिन महादेव के भक्त व्रत रखकर भगवान का पूजन करते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि शिव जितनी आसानी से प्रसन्न होते हैं, उतनी ही जल्दी रुष्ट भी होते हैं। इसीलिए उनके पूजन में ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे भगवान क्रोधित हों। ज्योतिषाचार्य के अनुसार शिव पूजन के दौरान इन गलतियों को भूलकर भी न करें।
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1- भगवान शिव को शंख से जल आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है।

2- भगवान शिव को कनेर, गेंदा, गुलाब, आक आदि के फूल चढ़ाएं। केसर, दुपहरिका, मालती, चम्पा, चमेली, कुन्द, जूही नहीं चढ़ाने चाहिए।
3- शिव के पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि तुलसी को भगवान विष्णु ने पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।

4- तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को अर्पित नहीं अर्पित किया जाता।
5- टूटे हुए अक्षत का प्रयोग कभी भी पूजा के दौरान नहीं करना चाहिए। इसे अपूर्ण और अशुद्ध माना जाता है।

6- भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ता, इसकी बजाय शिव का पूजन चंदन से करना चाहिए।

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