1- भगवान शिव को शंख से जल आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है।
2- भगवान शिव को कनेर, गेंदा, गुलाब, आक आदि के फूल चढ़ाएं। केसर, दुपहरिका, मालती, चम्पा, चमेली, कुन्द, जूही नहीं चढ़ाने चाहिए।
3- शिव के पूजन में तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि तुलसी को भगवान विष्णु ने पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। 4- तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को अर्पित नहीं अर्पित किया जाता।
5- टूटे हुए अक्षत का प्रयोग कभी भी पूजा के दौरान नहीं करना चाहिए। इसे अपूर्ण और अशुद्ध माना जाता है। 6- भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए उन्हें कुमकुम नहीं चढ़ता, इसकी बजाय शिव का पूजन चंदन से करना चाहिए।