15 जनवरी को सूर्योदय काल में सूर्य देव मकर राशि में स्थित होंगे। जो कि वैदिक हिन्दू शास्त्रों में मान्य है। वैदिक प्राचीन काल से अधिकांश हिन्दू त्योहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाए जाते हैं, लेकिन यह मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी के चक्र की स्थिति के अनुसार मनाया जाता है। वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि मकर संक्रांति से ही सर्दियों के मौसम का अंत माना जाता है।
सर्दियों की तुलना में लम्बे दिनों की शुरुआत हो जाती है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। इसलिए इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं और गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है।