ताजगंज क्षेत्र की रहने वाली सिम्मी (24 वर्षीय) को प्रसव पीड़ा होने पर 23 अगस्त (August) को एसएन मेडिकल कालेज (SN Medical college) में भर्ती कराया गया था। आपरेशन(Operation) से उसने बेटे को जन्म दिया। ऑपरेशन के बाद सिम्मी की हालत बिगडने पर दो दिन के लिए आईसीयू में भर्ती किया । बाद में प्रसूता का स्त्री रोग एवं प्रसूता विभाग में उपचार चल रहा था। तीमारदारों का आरोप है कि शनिवार को सांस लेने में उसे परेशानी होने लगी। वार्ड में मौजूद स्टाफ से जब ऑक्सीजन लगाने के लिए कहा गया तो अनसुना कर स्टाफ ने उन्हें हड़का दिया।
आपरेशन से प्रसव के बाद हालत बिगडने पर सिम्मी को आईसीयू (ICU) में भर्ती किया गया था। आईसीयू से बाहर आने के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली थी। उन्हें सिम्मी की छुट्टी होने का इन्तजार था लेकिन यह खुशी पल भर में ही काफूर हो गई, जब प्रसूता (Maternity) की शनिवार को दोबारा हालत बिगड़ने लगी। सिम्मी के तीमारदारों ने आनन फानन में वार्ड में मौजूद स्टाफ से उपचार की गुहार लगाई। प्रसूता की विभाग के स्टाफ ने कोई मदद नहीं की। सिम्मी सांस नली में परेशानी होने से जिन्दगी और मौत से जूझती रही। उसे बचाने के लिए परिजन आखिरी सांस तक छटपटाते रहे। एस एन प्रशासन और प्रसूता विभाग अध्यक्ष से शिकायत पर भी ऑक्सीजन नहीं मिली। आखिरकार सिम्मी जिन्दगी की जंग हार गई।
एसएन मेडिकल कालेज में प्रसूता की मौत पर थाना एमएम गेट पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रसूति विभाग में हंगामा कर रहे परिजनों को पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिया है।
कहने को तो एसएन मेडिकल कालेज आगरा की तुलना एम्स जैसे संस्थानों से की जा रही है। गाहे बगाहे सरकार के नुमाइंदे भी यहां अपनी उपलब्धि गिनाने पहुंचते हैं। न वास्तविकता की कसौटी को परखा जाए तो एसएन मेडिकल कॉलेज में तैनात ज्यादातर वार्ड स्टाफ और चिकित्सकों की मानवीय संवेदनायें मर चुकी हैं। अभी हाल ही में बाह क्षेत्र की रहने वाली 12 साल की मासूम को भर्ती करने से इनकार कर दिया था। गम्भीर रुप से बीमार अंजू की उपचार न मिलने से एसएन मेडिकल कॉलेज के गेट पर ही मौत हो गई। अंजू की मौत के मामले में प्रशासनिक जांच चल रही है।
प्रसूता की मौत के मामले में स्त्री एवं प्रसूति विभाग (gynecology and obstetrics department ) ने सफाई पेश की है। विभागाध्यक्ष डॉ. सरोज (Dr Saroj) का कहना है कि प्रसूता को पहले टीबी की बीमारी थी, जिससे हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हुई है। ऑक्सीजन न लगाये जाने की शिकायत को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। इसी तरह बाह अंजू प्रकरण में भी एस एन मेडिकल कालेज की ओर से सफाई पेश की गई थी।