बता दें कि शांत स्वभाव के हरदीप पर उनके परिवार के भरण पोषण का जिम्मा था। वे परिवार के इकलौते कमाने वाले शख्स थे। उनके ताया बलविंदर सिंह आर्मी से बतौर हवलदार रिटायर हैं। हरदीप ने बुधवार को अपनी मां से फोन पर बात की थी और बताया था कि आगरा में ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेने के बाद वे 8 या 9 नवंबर को घर के लिए रवाना हो जाएंगे। इस बार वे 15 दिनों के लिए घर जाने वाले थे, इसलिए उन्होंने मां से उनकी पसंदीदा मिठाइयां बनाने के लिए कहा था।
मालूम हो कि हरदीप सिंह 11 पैरा स्पेशल फोर्स के जवान थे। वे गुरुवार दोपहर को साथियों के साथ पैराट्रूपिंग के लिए ड्रोपिंग जोन पहुंचे थे। वे हेलीकॉप्टर में सवार हुए। एक-एक कर उनके सभी साथी पैराट्रूपर पैराशूट के साथ कूद रहे थे। जब हरदीप की बारी आयी तो उन्होंने भी हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई लेकिन दुर्भाग्य से उनका पैराशूट थोड़ा सा खुला फिर उसकी रस्सियां आपस में लिपट गईं। इसके बाद उन्होंने अपना इमरजेंसी पैराशूट खोला, लेकिन वो भी नहीं खुला और वे ग्यारह फुट की ऊंचाई से सीधे जमीन पर गिरे और खून से लथपथ हो गए। इस बीच उनके साथी आनन फानन में उन्हें लेकर अस्पताल गए लेकिन वहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।