प्रार्थना पत्र सौंप कर विधायक ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आगरा समेत पूरे प्रदेश में सरकारी विभागों द्वारा बनायी गई काॅलोनियों एवं प्राईवेट सेक्टरों द्वारा बनाई गईं काॅलोनियों को बनाते समय व्यवसायिक केन्द्रों की व्यवस्था की गई थी, किन्तु कालान्तर में उन आवासीय क्षेत्रों में विस्तार हुआ और जनसंख्या की बढ़ोत्तरी हुई, इस कारण वहां पर व्यवसायिक केन्द्र भी बिना अनुमति के खोले गए एवं आवासीय स्थलों को व्यसायिक स्थलों के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। इन परिवर्तनों के समय तत्कालीन विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से यह निर्माण हुए। आज की परिस्थिति में यह व्यवसायिक केन्द्र, जहां एक ओर जनता की आवश्यकता बन गए हैं, वहीं दूसरी ओर वहां के निवासियों के रोजगार के साधन भी बन गए हैं । व्यापारी इन व्यवसायिक केन्द्रों का नियमितिकरण कराना चाहते हैं, किन्तु नियमानुसार वह सम्भव नहीं हो पा रहा है। उनके ऊपर ध्वस्तीकरण की तलवार लटकी हुई है। इस आड़ में विभागीय कर्मचारी व्यापारियों का आर्थिक शोषण करते रहते हैं। इस प्रकार भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है और साथ ही साथ व्यापारी और जनता उत्पीड़ित होते रहते हैं। इसके निदान हेतु समाधान रोजगार का सुझाव दिया गया है, जिसके अन्तर्गत 2018 से पूर्व बने सभी ऐसे निर्माण को एक सुनिश्चित धनराशि समन शुल्क के रूप में लेकर उनका नियमितीकरण कर दिया जाये और आने वाले समय में ऐसे आवासीय क्षेत्रों में नये व्यवसायिक निर्माण न हों, यह भी सुनिश्चित किया जाए । इसके लिए सभी क्षेत्रों की वीडियो ग्राफी एवं फोटोग्राफी कराकर हर तिमाही उसका निरीक्षण किया जाये। उस दौरान जो निर्माण हुआ हो, उसको तुरन्त ध्वस्त कर दिया जाये तथा इस अवधि के उत्तरदायी अधिकारियों को भी दण्डित करने का प्रावधान किया जाए।
जीएसटी के समाप्त होने से पूर्व प्रदेश भर के व्यापारियों पर हजारों करोड़ रूपये वैट टैक्स के रूप में बकाया है। जिस पर नियमानुसार ब्याज चल रही है। सरकार यदि ऐसी समाधान योजना लाये, जिसमें ब्याज माफ हो जाये और व्यापारियों पर बकाया वैट टैक्स की राशि को अधिकतम 4-5 किश्तों में वसूलने का प्रावधान किया जाये, तो व्यापारी वर्ग को भी राहत मिलेगी और प्रदेश को राजश्व की प्राप्ति होगी।
तीसरा प्रस्ताव
पूरे प्रदेश में पिछले 15-20 सालों से जनता से जलकल विभाग द्वारा जलकर और जल मूल्य वसूलने में लापरवाही चली आ रही है। तत्कालीन समय के अधिकारियों द्वारा जनता से अपने स्वार्थ सिद्ध कर इन बिलों को पैण्डिंग कर दिया गया था। अब जनता के ऊपर इस लम्बे समय अवधि के लाखों रुपये बकाये के रूप में रह गये हैं, जिसकी वसूली के लिए जलकल विभाग द्वारा मांग की जा रही है। जो जनता पर बोझ बन चुका है। इसके लिए भी एक समाधान योजना लायी जा सकती है, जिसके अन्तर्गत सुझाव दिया गया कि पिछले 5 से 7 वर्षों के अन्तराल का जलकर जमा करा लिया जाये और पूर्व का माफ कर दिया जाये। इससे जनता को भी राहत मिलेगी, सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। उपरोक्त तीनों सुझावों पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए विचार कर निर्णय का आश्वासन दिया है।
महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे ने कहा जैसा कि विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने अवगत कराया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री से जलकल मूल्य, वैट से व्यापारियों को राहत, रिहाईशी क्षेत्रों में बने व्यावसायिक भवनों के कम्पाउण्ड की एकमुश्म समाधान योजना आम जनता, व्यापारी के हित में मील का पत्थर साबित होगी। व्यापारी नेता टीएन अग्रवाल ने कहा दक्षिण विधानसभा में बड़ी संख्या में व्यापारिक प्रतिष्ठा हैं। विधायक योगेन्द्र उपाध्याय और भाजपा द्वारा व्यापारियों के हित में बकाया वैट की समस्या और आवासीय क्षेत्र के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का नियमितीकरण करने का सुझाव मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। निश्चित रूप से व्यापारियों के हित में उठाया गया कदम है। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा नेता केके भारद्वाज, विधायक मीडिया प्रभारी सुनील कर्मचन्दानी, सुनील उपाध्याय, मनोज वर्मा मौजूद रहे।