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आगरा

माफिया मुख्तार अंसारी का ताजनगरी से था पुराना नाता, यहीं से जेल में रहकर लड़ा था लोकसभा चुनाव

मुख्यार अंसारी ने आगरा से लोकसभा चुनाव लड़ा था। उसम समय मुख्तार सेंट्रल जेल में बंद था। बाद में प्रचार के लिए पेरोल मिली थी।

आगराMar 29, 2024 / 10:12 am

Shivmani Tyagi

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फाइल फोटो

ताज सिटी आगरा से मुख्तार अंसारी का गहरा नाता रहा। जेल में रहते हुए मुख्तार ने आगरा लोकसभा सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस समय आगरा के जगदीशपुरा थाने में दर्ज मुकदमें का एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। जल्द ही इस मामले में निर्णय आने वाला था। 18 मार्च 1999 की सुबह मुख्तार अंसारी को वीआईपी सुविधा दिए जाने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने सेंट्रल जेल में छापेमारी की थी।
आपको बता दें लोकसभा चुनाव में घोसी संसदीय क्षेत्र से मुख्तार अंसारी ने राष्ट्रीय कौमी एकता दल से पर्चा भरा था। तब मकोका और सीबीआइ कोर्ट ने अंसारी को 10 दिन कस्टडी पैरोल के आदेश उसके प्रचार के लिए दिए थे। प्रचार के दौरान सुरक्षा कैसे दी जाएगी इस बात पर 9 दिन मंथन चला और फिर 10 मई 2014 की सुबह कड़ी सुरक्षा में मुख्तार को जेल से पेरोल पर निकाल दिया गया। यहां खास बात ये भी रही कि, प्रचार के लिए संसदीय क्षेत्र पहुंचने से पहले ही चुनाव प्रचार समाप्त हो गया था। मुख्तार इस चुनाव को भी हार गया था।
मुख्तार अंसारी की अब हार्ट अटैक से मौत हो गई है। माफिया की मौत के बाद आगरा में भी हाई अलर्ट घोषित किया गया है। इसकी वजह यही है कि मुख्तार का आगरा से गहरा कनेक्शन रहा है। 25 साल पहले आगरा की सेंट्रल जेल में बंद होने के दौरान उसके पास से बुलेट प्रूफ जैकेट और अन्य सामान बरामद हुआ था।
मुख्तार अंसारी जब आगरा की सेंट्रल जेल में बंद था तो पेशी पर जाने के समय उसके गुर्गे साथ चलते थे। आगरा में उसके गुर्गे डेरा डाले रहते थे। आगरा के आवास विकास में उसके आधा दर्जन गुर्गे पकड़े भी गए थे। इनमें दो शार्प शूटर भी थे। मुख्तार अंसारी के खिलाफ करीब 3 दर्जन मुकदमों की सुनवाई चल रही थी। इनमें एक मामला आगरा में भी चल रहा था। आगरा में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 25 साल पहले मुकदमा दर्ज कराया गया था। छापे में मुख्तार अंसारी की बैरक से बुलेटप्रूफ जैकेट, मोबाइल और सिम कार्ड आदि मिले थे। इस मामले में जगदीशपुरा थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवशंकर शुक्ला की ओर से मुख्तार के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। 25 गवाह में से अभी चार की गवाही रह गई थी और 18 मई को अगली सुनवाई थी। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायधीश एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्तार की पेशी होती थी।
वादी शिवशंकर शुक्ला, तत्कालीन डीएम आरके तिवारी, एसएसपी सुबेश कुमार सिंह, एडीएम सिटी एके सिंह, पूर्व सीएमओ एके सक्सेना, एसपी सिटी डीसी मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट पीएन दुबे, वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार केदारनाथ, उप निरीक्षक रूपेंद्र गौड़, उप जेलर कैलाशचंद, खंदौली निवासी जगवीर समेत 17 लोगों की गवाही हो चुकी है। कई गवाहों की मौत हो चुकी है। अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन था। माना जा रहा है कि इस मामले में भी जल्द ही निर्णय आ सकता था। मगर बांदा जेल में हार्ट अटैक आने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।
आगरा से प्रमोद कुशवाह की रिपोर्ट

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