इस मामले में भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष समी आगाई का कहना है कि आगरा शहर में करीब 500 सालों से हिंदू और मुसलमान एक साथ रह रहे हैं, ऐसे में मेयर का ये बयान हैरान करने वाला है। क्या बुर्के पर रोक लगाने से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा? उन्होंने कहा कि अगर बुर्के पर रोक लगनी चाहिए तो हिंदू समाज की महिलाओं के घूंघट पर भी रोक लगनी चाहिए। कई बार बड़े अपराधों को घूंघट की आड़ में अंजाम दिया जाता है। उन्होंने मेयर के बुर्के वाले बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए माफी की मांग की।
एक स्थानीय कॉलेज की प्रधानाचार्य सबा खान का कहना है कि मुस्लिम महिलाएं सिर्फ अपने पूरे शरीर को ही नहीं बल्कि भावनाओं को भी बुर्के के जरिए ढंककर रखती हैं ताकि वे पाक रह सकें। मेयर को कोई हक नहीं है कि वे बुर्के को लेकर कोई प्रतिक्रिया दें।
वहीं समाजसेवी सैमीउद्दीन का कहना है कि मेयर भारतीय जनता पार्टी के हैं और बीजेपी मुस्लिमों के खिलाफ है। उनका ये बयान पार्टी की विचाराधारा को दर्शाता है और बेहद हास्यास्पद है।