scriptचुनाव है गए, बोट परि गए और अब को जीतैगौ और को हारैगौ… | Nagar Nikay Chunav UP 2017 article in braj bhasha | Patrika News
आगरा

चुनाव है गए, बोट परि गए और अब को जीतैगौ और को हारैगौ…

ब्रज भाषा में पढें प्रथम चरण में हुए नगर निकाय चुनाव का विश्लेषण।

आगराNov 23, 2017 / 12:44 pm

suchita mishra

डॉ. भानु प्रताप सिंह

आगरा। चुनाव है गए। बोट परि गए। सब हिसाब-किताब लगाय रएं कै अब को जीतैगौ और को हारैगौ। जो बोट डारिकैं आए, बे तो अपने काम में लग गए। जो बोट डारिकैं नांय आए, बे चपर-चपर जीब चलाय रएं। चाय पीत जाय रएं और पूछत जाय रएं कै कौन जीतैगौ। नीचे पढ़ौ कौन का कैरौए।
प्रोफेसर साब
प्रोफेसर साब कै रएं- सहर की रेड़ मार कैं धर दई है। सब जगै कूरौ परौ है। सफाई तो होतई नांय। कछू कैत रऔ, काऊ पै कोई फरकु नांय पर्रौ। मेयर बन जातएं और फीता काटत रैतएं। काम तो काऊं को कन्नौई नांय। सब बेसरम है गएं। कोऊ नांय सुन्तु। मैंने कई- तुमन्नै बोट दयौ कै नांय? प्रोफेसर साहब आंखिन ते चस्मा उतारि कैं बोले- इनैं बोट दै कैं टैम खराब कन्नौए। जे बात सुनिकैं मौपे रुकौ नांय गयौ। मैं बोलो- प्रोफेसर साहब, जब तुमन्नै बोट नांय दयो तौ काए कूं फूं फां कररएऔ। तुमन पै बोट दैबे को टैम तो हत नांय और दुनियाभर की बात बनाय रएओ। जे बात सुनिकैं प्रोफेसर साहब बोले- अच्छा भैया, मोय कालेज जानौ है। फिर मिलिंगे।
वकील साब
वकील साब मिले तो पूछन लगे। पत्रकार साब, कौनए जिताय रए हो। मैं बोले- जे का हमाए हाथ में है। हां, जब तइयां मशीन नांय खुलिंगी, तब तक तो कछू लिख देउ। वकील साहब गुस्सा में बोले- सब गोबर के चोथ हैं। काऊं की मेयर बनाय देउ, हौनौ कछू नांय। सफाई तो कोऊ करवाय नांय सकतु। सुप्रीम कोरट ने सफाई की कई है, तौऊ काऊ पर असर नांय। मैंने फिर सवाल करौ- बोट कौन कूं दैं कैं आए। वकील साहब बोले- ससुरन नै हमाओ नाम लिस्ट में तै कटबाय दौ, तौ बोट कां ते देतो। मैंने कई- वकील साब, तुम सबन कूं ग्यान पेलतओ, पर अपनी ओर नांय देखत। जब बोटर लिस्ट बन रईं, तब चौं नाय चैक करी कै नाम हतुए या नांय। जे बात सुनिकें वकील साब बोले- तुमन ते कौन बहस करै। अच्छा राम-राम, मोय कोर्ट जानौ है।
डॉक्टर साब
मैं दुपैरी में अपने डाकटर साब के पास गयौ। डाकटर साब आलौ लगाय कैं मरीजन कूं देखत जाय रए और पूछत जाय रए- मेयर कौन बनैगौ। पच्चीस साल है गए। सहर में सब जगह गंदगी है। सब पार्टी बेकार हैं। या सहर कौ कछू नांय है सकत। डाकटर साब कौ भाषण सुनिकैं मोपे नांय रुकौ गयौ। मैंने सवाल पूछौ- पैलैं तुम बताओ, बोट दयौ के नांय। डाकटर साब बोले- टैम की बड़ी कमी है। मैंने तो ऐमैले के चुनाबन मेंऊ बोट नांय दयौ। मैं बोलो- डॉकटर साब, जे तुम जान्तऔ कि सहर बीमार है और इलाज कर रए नांय। तुम बोट दै कैं इलाज कस्सकतऔ। पर तुमाए पास टैम नांय तो सहर बीमार रहैगो और जाके जिम्मेदार तुमऔ। डॉकटर साब ने मेरी तरफ घूरि कैं देखो और परचा थमाय कैं बोले- फीस बाहर जमा कराय दइयों।
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