scriptNavratri 2018- जानिए माता पार्वती के नौ रूपों का रहस्य | Navratri 2018 Know meaning of mata parvati nine forms and importance | Patrika News
आगरा

Navratri 2018- जानिए माता पार्वती के नौ रूपों का रहस्य

आगरा के मातृशक्ति सदभावना मंदिर में कार्यक्रम के दौरान ज्योतिषाचार्य ने माता के नौ रूपों का वर्णन किया।

आगराOct 15, 2018 / 10:33 am

suchita mishra

jaipur

ma durga

आगरा। जिले के हरीश नगर स्थित मातृशक्ति सदभावना मंदिर में नवदुर्गा के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान भजन कीर्तन के अलावा ज्योतिषाचार्य आशीष गर्ग ने मां भगवती के नौ रूपों का भी वर्णन किया। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान शिव की अर्धांगिनी मां सती ने ही माता पार्वती के रूप में इस संसार में जन्म लिया था। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण उन्हें पार्वती नाम मिला। जगत जननी माता पार्वती को दुर्गा, जगदम्बा, अम्बे, शेरांवाली आदि तमाम नामों से पुकारा जाता है। नवरात्रि में इनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसी कारण इन दिनों को नवदुर्गा या नवरात्रि कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य आशीष गर्ग से जानते हैं माता पार्वती के इन नौ रूपों के बारे में।
ये हैं माता पार्वती के नौ रूप
1. शैलपुत्री, 2. ब्रह्मचारिणी, 3. चंद्रघंटा, 4. कूष्मांडा, 5. स्कंदमाता, 6. कात्यायनी, 7. कालरात्री, 8. महागौरी 9. सिद्धिदात्री।


1. शैलपुत्री: पहली देवी शैलपुत्री को सती कहा गया है जो राजा द‍क्ष की कन्या थीं। माता सती ने यज्ञ की आग में कूदकर खुद को भस्म कर लिया था। ये माता का प्रथम अवतार था।
2. ब्रह्मचारिणी: मां का दूसरा रूप है ब्रह्मचारिणी। इस रूप में उन्होंने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को पाया था।

3. चंद्रघंटा: चंद्र घंटा के नाम से ही स्पष्ट है जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक हो, वो चंद्रघंटा हैं।
4. कूष्मांडा: मां का चौथा रूप कूष्मांडा है। कूष्मांड यानी जिनमें ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति व्याप्त हो। उदर से अंड तक माता अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं, इसीलिए उन्हें कूष्‍मांडा कहा जाता है।
5. स्कंदमाता: माता पार्वती कार्तिकेय की मां हैं। कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वह स्कंद की माता यानी स्कंदमाता कहलाती हैं।

6. कात्यायिनी: कात्य गोत्र में जन्मे महर्षि कात्यायन ने माता भगवती की कठिन तपस्या कर एक पुत्री की कामना की थी। तब मां ने स्वयं उनके घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के नाते वे कात्यायनी कहलाईं। कात्यायनी के रूप में ही माता ने महिषासुर का वध किया था।
7. कालरात्रि: मां भगवती के सातवें रूप को कालरात्रि कहते हैं। काल यानी संकट, जिसमें हर तरह का संकट खत्म कर देने की शक्ति हो, वो माता कालरात्रि हैं। माता के इस रूप के पूजन से संकटों का नाश होता है।
8. महागौरी: कहा जाता है कि जब भगवान शिव को पाने के लिए माता ने कठोर तप किया था तो उनका रंग काला पड़ गया था। तपस्या से प्रसन्न होने के बाद भोलेनाथ ने उनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से मलकर धोया था। उस समय से उनका शरीर विद्युत प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा।

9. सिद्धिदात्री: जो हर प्रकार की सिद्धि से संपन्न हैं, ऐसी शक्ति होने के कारण माता के नौवें रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है।

Home / Agra / Navratri 2018- जानिए माता पार्वती के नौ रूपों का रहस्य

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो