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दो भाईयों को अपने घर में बिजली की फिटिंग कराना पड़ा महंगा, पड़ोसी ने मार दी गोली, जानिये क्या था कारण कमेटी ने देखे कूड़े के पहाड़ ‘नगरों में ठोस कूड़ा निस्तारण (Solid Waste Disposal) बड़ी समस्या है। नगर निगम कूड़ा तो एकत्रित करते हैं, लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो पाता है। परिणाम यह है कि एक ही स्थान पर कूड़े का पहाड़ बन जाता है। इससे वहां आसपास रहने वालों के सामने समस्या रहती है। बीमारी फैलने का अंदेशा भी बना रहता है। ठोस कूड़ा निस्तारण और बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण देखन के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने अनुश्रवण कमेटी बनाई। इसके अध्यक्ष हैं अवकाश प्राप्त न्यायाधीश डीपी सिंह। उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में जो रिपोर्ट प्रेषित की है, वह आगरा और मथुरा नगर निगम की कलई खोलने वाली है।
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मुर्गी फार्म की आड़ में शराब का चल रहा था बड़ा कारोबार, आगरा पुलिस ने किया खुलासा, देखें वीडियो आगरा की रिपोर्ट कमेटी ने चार जुलाई को आगरा का दौरा किया था। कुबेरपुर डंपिंग ग्राउंड, एसएन मेडिकल कॉलेज और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) धांधूपुरा का दौरा किया। कमेटी ने पाया कि कूड़ा निस्तारण की भयावह स्थिति है। कुबेरपुर डंपिंग ग्राउंड पर तो कूड़े का पहाड़ बन गया है। आदेश के 429 दिन बाद भी कूड़ा निस्तारण नहीं किय गया है। इसके लिए 1.07 करोड़ रुपये के जुर्माने की सिफारिश की गई है। आगरा में जैव चिकित्सा अपशिष्ट निस्तारण का काम जेआरआर कंपनी पर है। कंपनी ने 1037 दिन में भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है। इसके लिए 2.59 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका गया है।
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#BreastFeedingWeek: मां का दूध बच्चे के लिए अमृत, Breast Feeding से नहीं होता फिगर खराब मथुरा की रिपोर्ट मथुरा नगर निगम ने नगला कोलू में कचरा एकत्रित किया हुआ है। इसका निस्तारण नहीं किया जा रहा है। वहां भी आगरा की तरह कूड़े का पहाड़ बढ़ता जा रहा है। कमेटी ने मथुरा नगर निगम पर 1.07 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की संस्तुति की है।