बता दें कि लॉकडाउन के बाद सब्जियों के वितरण के लिए जिला प्रशासन ने पहले सब्जी की दुकानें बंद करायीं। उसके बाद ठेलों से गली गली में सब्जियों की बिक्री करवाई। जब सब्जी वाले कोरोना से संक्रमित पाए गए तो सिर्फ पास धारकों को सब्जी बेचने की अनुमति दी। इससे भी बात नहीं बनी तो सभी सब्जी वाले ठेलों पर प्रतिबंध लगा दिया और 100 व 200 रुपए के सब्जी के पैकेट का वितरण करवाया। लेकिन लोगों को वो महंगा लगा और उन्होंने उस व्यवस्था को भी नकार दिया। इसके बाद तौल के साथ खुली सब्जी बेचने का प्रबंन्ध किया गया। लेकिन उसमें भी जनता की प्रतिक्रिया सकारात्मक नहीं रही। शुक्रवार को 10 वार्डों में सिर्फ आधी सब्जी की ही खपत हो पायी।
शुक्रवार को विभिन्न वार्डों में नौ वाहनों को सब्जी लेकर भेजा गया। इस दौरान सब्जी के पैकेट के अलावा खुली सब्जी तौलकर देने का भी विकल्प लोगों को दिया गया था, लेकिन लोगों ने इसके प्रति कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखायी। नौ क्विंटल सब्जी में से सिर्फ साढ़े चार क्विंटल सब्जी बिकी, बाकी साढ़े चार क्विंटल सब्जी को वापस लौटाना पड़ा। इस व्यवस्था में भी नाकाम होने के बाद अब प्रशासन ने 100 वार्डों में सब्जियों की दुकानें खोलने का निर्णय लिया है।
– रिपोर्ट, सुचिता मिश्रा