ये नजारा कैद हुआ शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एमजी रोड के हरीपर्वत चौराहे पर। पत्रिका रिपोर्टर ने कैमरा निकाला, तो तिरंगा बेचने वाले ये मासूम डरने लगे। कैमरा बंद होते ही 10 वर्षीय गुड़िया रिपोर्टर के पास आती है, और बोलती है साहब तिरंगा ले लो। बस 10 रुपये में है, लेलो ना। रिपोर्टर तिरंगा लेता है, तो इस मासूम का चेहरा मानो फूल की तरह खिल जाता है। फिर रिपोर्टर ने पूछा उसके साथ कौन कौन है, तो फटे नुचे कपड़े पहने महिला की ओर इशारा करते हुए बताती है, कि वो मां है। पापा दूसरे चौराहे पर हैं। गुड़िया ने बताया कि वह स्कूल नहीं जाती है।
जब गुड़िया की मां से बात करने का प्रयास किया गया, तो वह पहले तो वह कैमरे के सामने बात करने के लिए राजी नहीं हुई। शायद उसे किसी बात का डर था। फिर बोली साहब काम करने दो। आप जाओ, आपसे बात नहीं करनी। हैरत की बात तो ये थी, कि यहां एक दो नहीं, बल्कि कई ऐसे छोटे बच्चे थे, जो नंगे बदन और हाथ में तिरंगा लेकर सड़क पर गाड़ियों के पीछे दौड़ लगा रहे थे। वहीं सड़क किनारे बैठी फटे नुचे कपड़ों में महिला शायद इस इंतजार में, कि कोई तो खरीददार आए। कुछ पैसे मिले और खाने की व्यवस्था हो सके।