पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार युवतियों ने बताया कि वह लोगों को कॉल कर कम ब्याज पर दस से 20 लाख रुपए का लोन दिलाने का झांसा देतीं। व्हाट्स एप पर ही सभी दस्तावेज मंगातीं। लोन पास कराने की कहकर कमीशन और पंजीकरण शुल्क के नाम पर 20 से 50 हजार रुपए की मांग की जाती है। लोगों को व्हाट्स एप पर लोन पास होने के फर्जी दस्तावेज भी भेज दिए जाते थे। रकम जमा होने पर आरोपी अपना मोबाइल नंबर बंद कर लेते थे।
पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने बताया कि सरगना उनको कमीशन के रूप में रकम देता था। पुलिस को आशंका है कि सरगना ने सैकड़ों लोगों से लाखों की ठगी की है। यह पता किया जा रहा है कि गैंग ने किन-किन लोगों से धोखाधड़ी की है। सरगना की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगाई हैं।
बैंक से भी चोरी किया डाटा
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि काल सेंटर में काम करने वाली युवतियों को सरगना लोगों का डाटा देता था। इसमें लोगों के मोबाइल नंबर, घर का पता होता था। यह डाटा उन्हीं लोगों का होता था, जो लोग कभी न कभी किसी न किसी कंपनी और बैंक में लोन के लिए आवेदन कर चुके होते हैं। किसी कारणवश लोन पास नहीं हो पाता है। यह डाटा बैंक और विभिन्न कंपनियों से चोरी किया हुआ होता है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि एक युवती पहले भी पकड़ी जा चुकी है। वह साइबर अपराधियों के गैंग में शामिल थी। अब फिर से कॉल सेंटर में काम करके लोगों को ठगी का शिकार बना रही थी।