पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में आत्मनिर्भरता है। जेवर एयरपोर्ट इसमे अहम भूमिका निभाएगा। दिल्ली मेरठ के बीच रेपिड रेल का काम तेजी से हो रहा है। आत्मनिर्भर होने के लिए पश्चिम यूपी के पास हर चीज है। यहां की भूमि उपजाऊ है, किसान मेहनती हैं,पशुधन के मामले में ये क्षेत्र देश में अग्रणी हैं। यहां दुग्ध उद्योग के लिए बहुत संभावनाएं हैं। सर्विस सेक्टर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भी आगे बढ़ रहे हैं। पश्चिमी यूपी का सामर्थ्य और बढ़ रहा है।
शहरों का जीवन आसान बनाने के लिए आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर हाउसिंग तक चौतरफा काम चल रहा है। आगरा से ही प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए 1 करोड़ से ज्यादा घर स्वीकृत हो चुके हैं। अब तक 12:5 लाख से ज्यादा शहरी लोगों को 28 हजार करोड़ रुपये की मदद की जा चुकी है। अमृत योजना मिशन के तहत देश के सैकड़ों शहरों में पानी, सीवर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जा रहा है। शहरों में सार्वजनिक टॉयलेट्स की बेहतर सुविधाएं हों, वेस्ट मैनेजमेंट की आधुनिक व्यवस्था हो, इसके लिए स्थानीय निकायों को मदद दी जा रही है।
टूरिज्म सेक्टर को बेहतर कनेक्विटी मिले। लोकल टूरिज्म के लिए फोकस हो इसके लिए काम किया जा रहा है। ताजमहल जैसी धरोहरों के आसपास आधुनिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए पर्यटकों के लिए सहूलियतें बढ़ाई जा रही है। टैक्स को भी कम किया है। 14 लेन का एक्सप्रेसवे भी जल्द ही लोगों को सुविधा देने लगेगा। गंगा एक्सप्रेसवे को पहले की योगी सरकार स्वीकृति दे चुकी है। हमेशा ये दिक्कत रही थी कि पैसा कहां से आएगा प्रोजेक्ट के लिए इसके चलते वर्षों तक प्रोजेक्ट लटके रहे। नई परियोजना की शुरुआत करने के साथ उसके लिए हमारी सरकार ने उतना ही ध्यान दिया। उन्होंने कोरोना से बचाव को दो गज की दूरी का पालन करने की अपील की।
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास के बाद सबसे पहले फतेहाबाद मार्ग पर टीडीआई मॉल के सामने ताजपूर्वी गेट स्टेशन का निर्माण शुरू होगा। यहां पिलर खड़े करने के लिए गोल गड्ढे खोदे जा रहे हैं। मेट्रो का ट्रॉयल दो साल में होना है। 2025-26 तक 30 किमी लंबे ट्रैक पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मुताबिक आगरा मेट्रो नोएडा और दिल्ली मेट्रो के मुकाबले न केवल रफ्तार में तेज होगी बल्कि कई ज्यादा आधुनिक होगी।
पहला कॉरिडोर 14 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 13 स्टेशन होंगे। ये स्टेशन होंगे- सिकंदरा, आईएसबीटी, गुरू का ताल, आरबीएस कॉलेज, राजामंडी, सेंट जोंस, मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा फोर्ट, ताजमहल, फतेहाबाद रोड, बसई और ताजपूर्वी गेट।
दूसरा कॉरिडोर 16 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 15 स्टेशन होंगे। ये स्टेशन होंगे : आगरा कैंट, सुल्तानपुरा, सदर बाजार, कलक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जोंस, हरीपर्वत, संजय प्लेस, एमजी रोड, सुल्तानगंज पुलिया, कमला नगर,रामबाग, फाउड्री नगर,मंडी समिति व कालिंदी विहार।
– 10 स्टेशनों पर वाहन पार्किंग की सुविधा होगी, सिकंदरा और मंडी समिति में बड़ी पार्किंग होंगी।
– प्रत्येक स्टेशन पर यात्रियों के लिए एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा होगी।
– रोलिंग स्टोक (कोच) नए डिजाइन व हल्के भार वाले होंगे।
– नोएडा, दिल्ली के मुकाबले सीट ज्यादा आरामदायक होंगी।
– मेट्रो का एडवांस सिग्नल सिस्टम ऑस्ट्रेलियन तकनीक से बनेगा।
यूपीएमआरसी के एमडी केशव कुमार ने बताया कि आगरा मेट्रो से पर्यटन को फायदा होगा। सभी प्रमुख स्मारकों से होकर मेट्रो जाएगी। यातायात समस्या के साथ पर्यावरण बेहतर होगा। तीन से पांच साल तक मेट्रो कार्य में 8 से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पर्यटक एक स्मारक से दूसरे पर आसानी से पहुंच जाएंगे। उन स्मारकों पर सैलानियों की संख्या बढ़ेगी जिन पर अभी ताज के मुकाबले कम जाते हैं।