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आगरा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुआ मेट्रो का शिलान्यास, प्रधानमंत्री ने दिल्ली से दबाया बटन

— आगरा मेट्रो परियोजना के शिलान्यास को लेकर आगरा में लंबे समय से चल रहीं थीं तैयारी।

आगराDec 07, 2020 / 02:16 pm

arun rawat

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शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

आगरा। आखिरकार ताजनगरी आगरा में मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में बैठकर बटन दबाकर शिलान्यास किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा में मौजूद रहे।

यह बोले प्रधानमंत्री
दिल्ली से शिलान्यास करते हुए कहा कि सैकड़ों वर्षों का इतिहास संजोए ये शहर अब 21वीं सदी के साथ कदमताल मिलाने के लिए तैयार है। देश में मेट्रो कोच भी मेड इन इंडिया के तहत भारत में बनेंगे। अब मेट्रो नेटवर्क के मामले में भी भारत आत्मनिर्भर हो रहा है। सपने देखने से काम नहीं चलता साहस के साथ पूरा भी करना पड़ता है। जब आप साहस के साथ आगे बढ़ते हैं तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। भारत के छोटे शहर के युवा यही साहस दिखा रहे हैं। आगरा जैसे छोटे शहर में मेट्रो का काम होगा। छोटे शहरों के विकास पर जोर दिया जा रहा है।
आत्मनिर्भर है उत्तर प्रदेश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में आत्मनिर्भरता है। जेवर एयरपोर्ट इसमे अहम भूमिका निभाएगा। दिल्ली मेरठ के बीच रेपिड रेल का काम तेजी से हो रहा है। आत्मनिर्भर होने के लिए पश्चिम यूपी के पास हर चीज है। यहां की भूमि उपजाऊ है, किसान मेहनती हैं,पशुधन के मामले में ये क्षेत्र देश में अग्रणी हैं। यहां दुग्ध उद्योग के लिए बहुत संभावनाएं हैं। सर्विस सेक्टर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भी आगे बढ़ रहे हैं। पश्चिमी यूपी का सामर्थ्य और बढ़ रहा है।
शहरी लोगों को मिली है मदद
शहरों का जीवन आसान बनाने के लिए आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लेकर हाउसिंग तक चौतरफा काम चल रहा है। आगरा से ही प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए 1 करोड़ से ज्यादा घर स्वीकृत हो चुके हैं। अब तक 12:5 लाख से ज्यादा शहरी लोगों को 28 हजार करोड़ रुपये की मदद की जा चुकी है। अमृत योजना मिशन के तहत देश के सैकड़ों शहरों में पानी, सीवर जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जा रहा है। शहरों में सार्वजनिक टॉयलेट्स की बेहतर सुविधाएं हों, वेस्ट मैनेजमेंट की आधुनिक व्यवस्था हो, इसके लिए स्थानीय निकायों को मदद दी जा रही है।
2013 में भारत 65वीं रैंक पर था
टूरिज्म सेक्टर को बेहतर कनेक्विटी मिले। लोकल टूरिज्म के लिए फोकस हो इसके लिए काम किया जा रहा है। ताजमहल जैसी धरोहरों के आसपास आधुनिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए पर्यटकों के लिए सहूलियतें बढ़ाई जा रही है। टैक्स को भी कम किया है। 14 लेन का एक्सप्रेसवे भी जल्द ही लोगों को सुविधा देने लगेगा। गंगा एक्सप्रेसवे को पहले की योगी सरकार स्वीकृति दे चुकी है। हमेशा ये दिक्कत रही थी कि पैसा कहां से आएगा प्रोजेक्ट के लिए इसके चलते वर्षों तक प्रोजेक्ट लटके रहे। नई परियोजना की शुरुआत करने के साथ उसके लिए हमारी सरकार ने उतना ही ध्यान दिया। उन्होंने कोरोना से बचाव को दो गज की दूरी का पालन करने की अपील की।
अब यहां होगा काम
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास के बाद सबसे पहले फतेहाबाद मार्ग पर टीडीआई मॉल के सामने ताजपूर्वी गेट स्टेशन का निर्माण शुरू होगा। यहां पिलर खड़े करने के लिए गोल गड्ढे खोदे जा रहे हैं। मेट्रो का ट्रॉयल दो साल में होना है। 2025-26 तक 30 किमी लंबे ट्रैक पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के मुताबिक आगरा मेट्रो नोएडा और दिल्ली मेट्रो के मुकाबले न केवल रफ्तार में तेज होगी बल्कि कई ज्यादा आधुनिक होगी।
आगरा मेट्रो के दो कॉरिडोर होंगे। सबसे पहले ताज पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक का प्राथमिक सेक्शन तैयार होगा। यह पहले कॉरीडोर का हिस्सा है। प्रथम कॉरीडोर ताज पूर्वी गेट से सिकंदर तक होगा। दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक होगा। आगरा मेट्रो के स्टेशन 77 मीटर लंबे होंगे। एक ट्रेन में तीन कोच होंगे। इसे लखनऊ मेट्रो के मॉडल पर तैयार किया जाएगा। मेट्रो कोच की डिजाइन भी एकदम अलग होगी।
पहली कॉरिडोर: सिकंदरा से ताजमहल के पूर्वी गेट तक
पहला कॉरिडोर 14 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 13 स्टेशन होंगे। ये स्टेशन होंगे- सिकंदरा, आईएसबीटी, गुरू का ताल, आरबीएस कॉलेज, राजामंडी, सेंट जोंस, मेडिकल कॉलेज, जामा मस्जिद, आगरा फोर्ट, ताजमहल, फतेहाबाद रोड, बसई और ताजपूर्वी गेट।
दूसरा कॉरिडोर: आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक
दूसरा कॉरिडोर 16 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 15 स्टेशन होंगे। ये स्टेशन होंगे : आगरा कैंट, सुल्तानपुरा, सदर बाजार, कलक्ट्रेट, सुभाष पार्क, सेंट जोंस, हरीपर्वत, संजय प्लेस, एमजी रोड, सुल्तानगंज पुलिया, कमला नगर,रामबाग, फाउड्री नगर,मंडी समिति व कालिंदी विहार।
आगरा मेट्रो के कुल 29 स्टेशन होंगे, प्रत्येक पर एलईडी लाइट्स एवं डिस्प्ले स्क्रीन लगी होंगी।
– 10 स्टेशनों पर वाहन पार्किंग की सुविधा होगी, सिकंदरा और मंडी समिति में बड़ी पार्किंग होंगी।
– प्रत्येक स्टेशन पर यात्रियों के लिए एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा होगी।
– रोलिंग स्टोक (कोच) नए डिजाइन व हल्के भार वाले होंगे।
– नोएडा, दिल्ली के मुकाबले सीट ज्यादा आरामदायक होंगी।
– मेट्रो का एडवांस सिग्नल सिस्टम ऑस्ट्रेलियन तकनीक से बनेगा।
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट में 8380 करोड़ रुपये लागत आएगी। 7.31 लाख यात्री प्रतिदिन सफर कर सकेंगे। आगरा मेट्रो की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। जो दिल्ली और नोएडा मेट्रो से अधिक है। मेट्रो के एक कोच की कीमत आठ करोड़ रुपए है। प्रत्येक ट्रेन में तीन-तीन कोच होंगे। सबसे ज्यादा 16 ट्रेनें कालिंदी विहार से आगरा कैंट रेलवे स्टेशन तक कॉरिडोर पर चलेंगी।
आठ से 10 हजार लोगों को रोजगार
यूपीएमआरसी के एमडी केशव कुमार ने बताया कि आगरा मेट्रो से पर्यटन को फायदा होगा। सभी प्रमुख स्मारकों से होकर मेट्रो जाएगी। यातायात समस्या के साथ पर्यावरण बेहतर होगा। तीन से पांच साल तक मेट्रो कार्य में 8 से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पर्यटक एक स्मारक से दूसरे पर आसानी से पहुंच जाएंगे। उन स्मारकों पर सैलानियों की संख्या बढ़ेगी जिन पर अभी ताज के मुकाबले कम जाते हैं।

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