पर्यावरण संरक्षण का संदेश
मरीजों का इलाज करने के साथ ही समाज से तालमेल है जो रेनबो हॉस्पिटल को अलग बनाता है। यही वजह है कि समय-समय पर सामाजिक गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रम अस्पताल द्वारा आयोजित किए जाते हैं। बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए संस्थान स्मृति संस्था के साथ मिलकर लम्बे समय से मुहिम चला रहे हैं। इस बार एक अनोखी सोच के साथ संतान पैदा होने के बाद माता-पिता को एक पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाने का अभियान शुरू किया गया है।
मरीजों का इलाज करने के साथ ही समाज से तालमेल है जो रेनबो हॉस्पिटल को अलग बनाता है। यही वजह है कि समय-समय पर सामाजिक गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रम अस्पताल द्वारा आयोजित किए जाते हैं। बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए संस्थान स्मृति संस्था के साथ मिलकर लम्बे समय से मुहिम चला रहे हैं। इस बार एक अनोखी सोच के साथ संतान पैदा होने के बाद माता-पिता को एक पौधा भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाने का अभियान शुरू किया गया है।
पौधा भेंट किया
विगत एक अप्रैल से अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों के अभिभावकों को अस्पताल से छुट्टी के समय एक पौधा भेंट किया जा रहा है। इनके गमलों पर नए माता-पिताओं के लिए एक संदेश भी लिखवाया गया है कि जिस तरह यह पौधा बढे़गा, आप अपनी संतान को भी अच्छे भविष्य की ओर बढ़ता पाएंगे। सोविटास हेल्थ केयर भी इस मुहिम में सहयोगी है। कम्पनी के प्रबंध निदेशक नितिन जी ने बताया कि वे 17 अप्रैल को अपने जन्म दिवस पर रेनबो हॉस्पिटल द्वारा गुरुद्वारा गुरु के ताल के सामने लिए गए पार्क में भी पौधारोपण करेंगे।
विगत एक अप्रैल से अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों के अभिभावकों को अस्पताल से छुट्टी के समय एक पौधा भेंट किया जा रहा है। इनके गमलों पर नए माता-पिताओं के लिए एक संदेश भी लिखवाया गया है कि जिस तरह यह पौधा बढे़गा, आप अपनी संतान को भी अच्छे भविष्य की ओर बढ़ता पाएंगे। सोविटास हेल्थ केयर भी इस मुहिम में सहयोगी है। कम्पनी के प्रबंध निदेशक नितिन जी ने बताया कि वे 17 अप्रैल को अपने जन्म दिवस पर रेनबो हॉस्पिटल द्वारा गुरुद्वारा गुरु के ताल के सामने लिए गए पार्क में भी पौधारोपण करेंगे।
पौधे को संतान की तरह पालें
रेनबो आईवीएफ कीं निदेशक डॉ जयदीप मल्होत्रा की मानें तो यह प्रयास देखने में जरूर छोटा लगे, लेकिन इसके परिणाम सभी के लिए लाभदायक होंगे। बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही बडे़ होते हैं और माता-पिता ही उनकी प्रथम पाठशाला होते हैं। मां-बाप का फर्ज है कि वह पौधे को अपनी संतान की तरह और संतान को पौधे की तरह सींचकर बड़ा करें और दोनों को ही घने छायादार वृक्ष की तरह दूसरों के काम आने वाला बनाएं।
रेनबो आईवीएफ कीं निदेशक डॉ जयदीप मल्होत्रा की मानें तो यह प्रयास देखने में जरूर छोटा लगे, लेकिन इसके परिणाम सभी के लिए लाभदायक होंगे। बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही बडे़ होते हैं और माता-पिता ही उनकी प्रथम पाठशाला होते हैं। मां-बाप का फर्ज है कि वह पौधे को अपनी संतान की तरह और संतान को पौधे की तरह सींचकर बड़ा करें और दोनों को ही घने छायादार वृक्ष की तरह दूसरों के काम आने वाला बनाएं।
प्रकृति को बचाने का अभियान
रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा की मानें तो यह एक सोच है, जो जैसे-जैसे आगे बढे़गी हरियाली बढ़ती जाएगी और पर्यावरण की रक्षा की जा सकेगी। यह एक चेन की तरह काम करेगी। एक को देख दूसरे को प्रेरणा मिलेगी। संतान भी माता-पिता से ही सीखती है और जब बच्चा बड़ा होते-होते अपने माता-पिता से पर्यावरण रक्षा की सीख लेगा तो यह प्रकृति को बचाने की भावना जीवन भर उसके साथ रहेगी।
रेनबो हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा की मानें तो यह एक सोच है, जो जैसे-जैसे आगे बढे़गी हरियाली बढ़ती जाएगी और पर्यावरण की रक्षा की जा सकेगी। यह एक चेन की तरह काम करेगी। एक को देख दूसरे को प्रेरणा मिलेगी। संतान भी माता-पिता से ही सीखती है और जब बच्चा बड़ा होते-होते अपने माता-पिता से पर्यावरण रक्षा की सीख लेगा तो यह प्रकृति को बचाने की भावना जीवन भर उसके साथ रहेगी।
हर साल नवरात्र में होती है एक नई शुरुआत
रेनबो हॉस्पिटल के महाप्रबंधक राकेश आहूजा ने बताया कि रेनबो अस्तपाल समाज के प्रति अपने उत्तरादायित्व को समझता है। यही वजह है कि समय-समय पर अस्पताल सामाजिक गतिविधियों और जागरूकता कार्यक्रमों का हिस्सा बनता है। यहां हर साल नवरात्रि में एक नई सोच के साथ नई शुरुआत की जाती है। इससे पहले भी नवरात्रि में कन्या जन्म पर प्रधानमंत्री कन्या विद्या धन के अंतर्गत खाते खुलवाना, अद्भुत मातृत्व योजना की शुरुआत कर गर्भवती महिलाओं और परिवारीजनों को स्वस्थ व संस्कारवान शिशु प्राप्त करने की प्रेरणा देना, परिजनों को बेटियों का महत्व समझाना आदि जैसे प्रयास इसका हिस्सा रहे हैं।
रेनबो हॉस्पिटल के महाप्रबंधक राकेश आहूजा ने बताया कि रेनबो अस्तपाल समाज के प्रति अपने उत्तरादायित्व को समझता है। यही वजह है कि समय-समय पर अस्पताल सामाजिक गतिविधियों और जागरूकता कार्यक्रमों का हिस्सा बनता है। यहां हर साल नवरात्रि में एक नई सोच के साथ नई शुरुआत की जाती है। इससे पहले भी नवरात्रि में कन्या जन्म पर प्रधानमंत्री कन्या विद्या धन के अंतर्गत खाते खुलवाना, अद्भुत मातृत्व योजना की शुरुआत कर गर्भवती महिलाओं और परिवारीजनों को स्वस्थ व संस्कारवान शिशु प्राप्त करने की प्रेरणा देना, परिजनों को बेटियों का महत्व समझाना आदि जैसे प्रयास इसका हिस्सा रहे हैं।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App .