आगरा। हम बात कर रहे हैं पंचम अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव की। एक ऐसा महोत्सव जहां सिर्फ कला की साधना होती है। कलासाधक अपने खर्चे पर आते हैं। कला का प्रदर्शन करते हैं। उन्हें इस बात की न चिन्ता है न गम है कि दर्शक कम हैं। बस अपने यहां की संस्कृति को दिखाना है। पांच देश और भारत के सभी राज्यों के 400 से अधिक कलाकार। स्थानीय कलाकार अलग। इनका संयोजन। इन्हें मंच प्रदान करना। आवास की व्यवस्था। कितना मुश्किल काम है। यह सब किया नटरांजलि आर्ट्स थियेटर की अलका सिंह ने। सारा खर्चा जनसहयोग से उठाया। अगर यही कार्यक्रम ताज महोत्सव में होता तो 4-5 करोड़ रुपये खर्च हो जाते।
आगरा को क्या मिला अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव की कर्ताधर्ता हैं देश-विदेश में प्रसिद्ध रंगकर्मी अलका सिंह। वे नटरांजलि आर्ट्स थियेटर की संस्थापक हैं। उन्हें धुनसवार है विभिन्न राज्यों की संस्कृति का मिलन कराने की। इसके लिए कुछ भी करने के लिए उद्यत रहती हैं। बहुत से लोग वादा करते हैं और पतली गली से निकल जाते हैं। इसके बाद भी महोत्सव कराती हैं। जब पत्रिका ने सवाल किया कि महोत्सव से आगरा को क्या मिला तो जवाब दिया- आगरा को विभिन्न संस्कृति देखने को मिलीं। आगरा की स्थानीय प्रतिभाओं ने प्रस्तुतीकरण दिया। विश्व स्तर पर संस्कृति और कला का आदान-प्रदान हुआ। कलाकार केवल ताजमहल देखने ही नहीं, अपनी कला का प्रदर्शन करने आए। इस बार दर्शक अधिक संख्या में जुटे। सभी कलाकारों ने ताजमहल व अन्य स्मारकों को देखा। मंदिरों को देखा और खुश होकर गए हैं।
क्यों कराया महोत्सव अलका सिंह बताती हैं- आगरा की मिट्टी इतनी खूबसूरत है कि ताजमहल दे दिया, जिसकी पूरे विश्व में पहचान है। आगरा और ताजमहल एकदूसरे के पूरक हैं। मैं ताज की तरह खूबसूरत नहीं हूं, लेकिन मेरे विचारों में खूबसूरती है क्योंकि कलाकार हूं। मैंने देश और विदेश में आगरा के प्रदर्शन को दिखाया तो सराहना मिली। जब हमारी संस्कृति पसंद आती है तो उनका कल्चर भी हमारे शहर में देखा जाना चाहिए। इसी कारण ताजरंग महोत्सव कराया। हमारी मुख्य थीम है- इंटरनेशनल एक्सचेंज आर्ट एंड कल्चर। पिछल बार हमने आओ सहेजें संस्कार थीम थी। इस बार महिला सशक्तिकरण थीम थी। हमारी गुरु मां गुजेश्वरी के नाम पर पांचों दिन सम्मान दिए। ताज नवशक्ति कार्यक्रम में 11 महिलाओं को सम्मान दिया। समापन में प्रेमलता गुप्ता की स्मृति में महिला गौरव सम्मान दिया।
रंगमंच का एक कलाकार एक हजार के बराबर पत्रिका ने सवाल किया- आगरा में नाट्य कलाकार मुट्ठीभर हैं, उनके लिए इतना सारा खर्चा कर डाला? अलका सिंह का जवाब सुनिए- रंगमंच का एक कलाकार एक हजार कलाकारों के बराबर कीमत रखता है। आगरा में भले ही रंगमंच के श्रेष्ठ 25 कलाकर है, लेकिन वे तन-मन-धन से समर्पित हैं। यह आयोजन ताज महोत्सव में क्यों नहीं कराया, सवाल पर कहा कि दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। अगर अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव का प्रशासन बजट बनाता तो 3-4 करोड़ रुपये का होता। हमने यह खर्चा शून्य कर दिया। ऐसे लोगों ने सहयोग दिया जो अपना नाम भी नहीं बताना चाहते हैं। प्रबुद्ध वर्ग ने खर्चा उठाए।
कहां-कहां हुआ आयोजन अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव शहीद स्मारक पार्क संजय प्लेस, जुबली हॉल आगरा यूनिवर्सिटी कैम्पस, सूरसदन प्रेक्षागृह, आगरा नगर निगम परिसर, आगरा पब्लिक स्कूल विजय नगर कॉलोनी एवं यूथ हॉस्टल में आयोजन हुए।
पांच देशों से कलाकार आए भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, कनाडा के कलाकारों ने एक मंच पर रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। 11 सम्मान गुजेश्वरी सिंह की स्मृति में, 11 सम्मान ताज नवशक्ति के नाम से गिए गएष 5 नाटकों का मंचन -हुआ एक मां की पुकार (आगरा), भुखमरी (दिल्ली), यहूदी की लड़की (भोपाल), पुरस्कार (असम), स्वच्छता अभियान ( दिल्ली)।
400 कलाकारों को मंच मिला विभिन्न स्तरों में प्रतियोगिता एवं विशेष कार्यक्रम हुए, जिनमें काव्य सत्र, कराओके सिंगिंग, लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, परिधान, फोटोग्राफी, रंग जुलूस, फैंसी ड्रेस आदि प्रतियोगिताएं जोड़ी गयी। इनके माध्यम से 5 दिनों में 400 से अधिक कलाकारों को मंच मिला। अभय शंकर मिश्रा, काकोली मिश्रा, अभिनव मिश्रा हरियाणा, येमलंबम चिंगलम्बी , प्रीती राजग्रहिया कविता मोहंती, लक्ष्य शर्मा मुंबई, सुमन मंडल एवं साथी कोलकाता, मृतिका डांस ट्रूप नेपाल, अंतरराष्ट्रीय शास्त्रीय गायिका सुनीता तिकाड़े, वर्धा से संस्क्रुति व अर्नवी डीपीएस अलीगढ़, विजयलक्ष्मी उपाध्याय दिल्ली से मुख्य आकर्षण रहे।
निर्णायक मंडल निर्णायक मंडल में शामिल हुए उत्तराखंड से धनंजय कुकरेती एवं आभा शर्मा शंखिनी, विशाखापट्टनम से नागराज पटनायक, शाहजहांपुर से कृष्णा श्रीवास्तव, भोपाल से ओबेद उल्ला खां, दिल्ली से आकाश जैन, संबलपुर उड़ीसा से आलोक पांडे एवं चुमकी, असम से सूरज दास, रविन्द्र तलेगांव कर, गायत्री शाक्य आदि को विशेष सम्मानों से सम्मानित किया गया। आशना प्रियंवदा, कोलकाता की अर्पिता विस्वास को ताजरंग महोत्सव शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किया गया।
महिला सम्मान समापन के दिन श्रीमती रामलता गुप्त पत्नी स्वर्गीय रोशन लाल गुप्त करुणेश की स्मृति में महिलाओं को सम्मानित किया गया। निशी राज गायन, वीरा सक्सेना नृत्य, आभा शर्मा शंखिनी उत्तराखंड गायन, वीना अग्रवाल समाजसेवा, डॉक्टर दीपिका प्रवीणा गुप्ता पर्यावरण संरक्षण, डॉ. वत्सला प्रभाकर समाजसेवा, ममता धवन अध्यात्म, सविता कालरा पर्यावरण संरक्षण, सुजाता चटर्जी नृत्य नेपाल, मंजू बनी बोरा, रंगमंच असम, डॉ. रेखा कक्कड़ चित्रकला।
विशेष सम्मान श्रीमनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी, प्रीती योगेंद्र उपाध्याय, महेश शर्मा, नरेश बेरी, बंटी ग्रोवर, दीपक कालरा, बीएन अग्रवाल, सर्वज्ञ शेखर, आदर्श नंदन गुप्त, नटरांजलि के पदाधिकारियों में गोपाल गुरु, लालाराम तैनगुरिया, रोहित कात्याल, रितु गोयल, ममता पचौरी, वीना कौशिक, कुमुद पांडे, रचना कपूर, विजय कपूर, राजकमल जैसवाल, पारुल सिंह, कृष्णा सागर, रितु वर्मा, रेखा साहनी, शरद जैन, आशीष लवानियां, मीरा सिंह, नितेश जैन, नितेश अग्रवाल, विशाल रियाज़, परवेज़ कबीर आदि को विशेष सम्मान दिया गया। संचालन किया श्रुति सिन्हा ने।
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