ये है मामला
ये मामला वर्ष 2009-10 से 2014-15 का है। बताया गया है कि दलित छात्रों को कोचिंग दिलाने के लिए यूनिवर्सिटी के कुलपति और समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक को कालेजों से प्रोफेसर चुनने थे, लेकिन आगरा में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों ने शासन के आदेश को ताक पर रखकर पैसा ठिकाने लगा दिया। अधिकारियों ने कोचिंग कराने के लिए मिला रुपया प्राइवेट कोचिंग सेंटर को दे दिया। छह सितंबर, 2016 को यशपाल सिंह नाम के शख्स ने इस गबन की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय के आदेश पर समाज कल्याण विभाग ने जांच कराई, लेकिन गबन की पुष्टि हो जाने के बावजूद न विभागीय कार्रवाई की गई और नाही एफआईआर दर्ज कराई गई।
ये मामला वर्ष 2009-10 से 2014-15 का है। बताया गया है कि दलित छात्रों को कोचिंग दिलाने के लिए यूनिवर्सिटी के कुलपति और समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक को कालेजों से प्रोफेसर चुनने थे, लेकिन आगरा में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों ने शासन के आदेश को ताक पर रखकर पैसा ठिकाने लगा दिया। अधिकारियों ने कोचिंग कराने के लिए मिला रुपया प्राइवेट कोचिंग सेंटर को दे दिया। छह सितंबर, 2016 को यशपाल सिंह नाम के शख्स ने इस गबन की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय के आदेश पर समाज कल्याण विभाग ने जांच कराई, लेकिन गबन की पुष्टि हो जाने के बावजूद न विभागीय कार्रवाई की गई और नाही एफआईआर दर्ज कराई गई।
इनके खिलाफ कराई गई एफआईआर
इस पर हाइकोर्ट ने समाज कल्याण के प्रमुख सचिव को तलब कर लिया। अब एफआईआर कराई गई है। एसएसपी दिनेश चंद दुबे ने बताया कि गबन की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामला संगीन है। पुलिस को शीघ्र जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अंचित मनी भारती, सोबरन सिंह यादव, उमेश द्विवेदी, गौतम कुमार, राजेश कुमार, तत्कालीन मंडल उप निदेशक समाज कल्याण सरोज प्रसाद। राजेश कुमार एसडीएम रहे, उनके पास समाज कल्याण अधिकारी का प्रभार था। इनके अतिरिक्त डाक्टर भीमराम अंबेडकर आईएएस/पीसीएस परीक्षा पूर्व परीक्षण केंद्र के प्रभारी अधिकारी लायक सिंह हैं। कोचिंग सेंटर संचालकों में सेंटर फोर एंबिशन, कैरियर एवेन्यू एजुकेशनल सोसायटी और राम मनोहर लोहिया शिक्षा समिति के प्रबंध निदेशक हैं।
इस पर हाइकोर्ट ने समाज कल्याण के प्रमुख सचिव को तलब कर लिया। अब एफआईआर कराई गई है। एसएसपी दिनेश चंद दुबे ने बताया कि गबन की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामला संगीन है। पुलिस को शीघ्र जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अंचित मनी भारती, सोबरन सिंह यादव, उमेश द्विवेदी, गौतम कुमार, राजेश कुमार, तत्कालीन मंडल उप निदेशक समाज कल्याण सरोज प्रसाद। राजेश कुमार एसडीएम रहे, उनके पास समाज कल्याण अधिकारी का प्रभार था। इनके अतिरिक्त डाक्टर भीमराम अंबेडकर आईएएस/पीसीएस परीक्षा पूर्व परीक्षण केंद्र के प्रभारी अधिकारी लायक सिंह हैं। कोचिंग सेंटर संचालकों में सेंटर फोर एंबिशन, कैरियर एवेन्यू एजुकेशनल सोसायटी और राम मनोहर लोहिया शिक्षा समिति के प्रबंध निदेशक हैं।