आगरा में जब जब समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ, तो पूरे प्रदेश में बड़ा फायदा मिला। सबसे पहले आगरा में 1993 में डॉ. सीपी राय ने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कराई थी। इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में सपा की जीत हुई। मुलायम सिंह यादव पांच दिसम्बर 1993 से तीन जून, 1995 तक मुख्यमंत्री रहे। फिर 2003 में होटल अतिथि में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हुई। इसके बाद फिर विधानसभा चुनाव हुए और मुलायम सिंह यादव एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। 29 अगस्त, 2003 से 11 मई, 2007 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे। मुलायम सिंह यादव पांच दिसम्बर, 1989 से 24 जून, 1991 तक पहली बार मुख्यमंत्री रहे थे। समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 7-8 जून, 2011 को लोहिया नगर (तारघर मैदान, मालरोड) पर हुआ। इस अधिवेशन के बाद 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को रिकॉर्ड तोड़ सफलता मिली। मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया। सरकार पूरे पांच साल चली है। सपा ने 2009 में जीआईसी मैदान पर राष्ट्रीय अधिवेशन किया था, तब लोकसभा चुनाव होने थे, विधानसभा चुनाव नहीं।
दलितों की राजधानी कहे जाने वाले आगरा में विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा का जादू चला। 2012 में आगरा ग्रामीण से कालीचरण शर्मा, एत्मादपुर से डॉ. धर्मपाल, खेरागढ़ से भगवान सिंह कुशवाहर, फतेहपुर सीकरी से सूरजपाल सिंह, आगरा छावनी से गुटियारीलाल दुबेश, फतेहाबाद से छोटेलाल वर्मा बसपा से विधायक थे। ये हालत तब थी जब 2012 में अखिलेश यादव का जादू चला था। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा की लहर कुछ ऐसी चली कि आगरा की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाते हुए बसपा का खाता पूरी तरह बंद कर लिया। बाह की एक सीट सपा के खाते में थी, वो भी भाजपा के खाते में पहुंच गई।
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन के बाद अब शिवपाल सिंह यादव आगरा से बड़ी तैयारी करने जा रहे हैं। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के वरिष्ठ नेता नीरज यादव ने बताया कि आगरा को टारगेट किया जा रहा है। दो दिन आगरा में शिवपाल सिंह यादव का रहने का प्रोग्राम तय किया जा रहा है। इससे पहले फिरोजाबाद में भव्य रोड शो के जरिये, ताकत का अहसास कराया जायेगा, इसके बाद आगरा में कार्यक्रम होना है।