इस सिस्टम में बैटरी नहीं होती है, जिसके कारण इस सिस्टम की कीमत काफी कम आती है। ये सिस्टम शहरी क्षेत्रों में ज्यादा कारगर साबित होते हैं, जहां बिजली की सप्लाई लगातार होती है। बिजली आपूर्ति के दौरान सिस्टम बिजली पैदा कर वापस ग्रिड को भेजता रहता है। इस तरीके से नियमानुसार आप 80 फीसदी बिजली का बिल कम कर सकते हैं। इसके साथ ही यदि आप का कंजप्शन बहुत अधिक कम है, तो आप बची हुई बिजली को बेच भी सकते हैं। इसके लिए आपको प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान होगा।
नेडा के जेई प्रवीन नाथ पांडे ने बताया कि यूं तो ये सोलर सिस्टम आपके पूरे घर में बिजली पहुंचाएगा लेकिन आपको ये जानकर हैरत होगी कि ये पूरा प्लांट आपके घर की छत के एक कोने के हिस्से में लग सकता है। सामान्य तौर पर एक किलोवाट के लिए 100 स्क्वायर फीट की जगह चाहिए होती है। जिससे एक आम परिवार की जरूरत भर की पूरी बिजली पैदा हो जाती है।
कुल भार प्लांट की कुल कीमत केन्द्र की सब्सिडी यूपी सरकार की सब्सिडी
3 किलोवाट 1 लाख 50 हजार 60 हजार 30 हजार
1 किलोवाट 50 हजार 20 हजार 15 हजार
10 किलोवाट 5 लाख 40 फीसद 30 हजार
यदि आपके घर का हर माह का कंजप्सन 250 यूनिट है, तो भी तीन किलोवाट के सिस्टम पर आप कमाई कर सकते हैं। एक किलो वाट का सिस्टम प्रतिदिन चार से पांच यूनिट बनाता है। यदि चार यूनिट मान ली जाए, तो प्रतिदिन आप 12 यूनिट सिस्टम के माध्यम से बनाते हैं, इस हिसाब से माह के 360 यूनिट आप के तैयार होंगे। 250 यूनिट खर्च करने के बाद आप 110 यूनिट बचाते हैं। 110 यूनिट का आपको प्रति यूनिट 2 रुपए के हिसाब से बिजली विभाग पेमेंट करेगा। तो हो गया ना बिजली का बिल शून्य और शुरू हो गई कमाई।
अभी तक जिले में 250 से अधिक लोग अपने घरों में ग्रिड कनेक्ट सोलर पावर प्लांट के लिए आवेदन कर चुके हैं। इसमें एक यह शर्त है कि जितने किलोवाट का बिजली का कनेक्शन होगा। उतने किलोवाट का ही सोलर पावर ग्रिड प्लांट लगा सकेंगे।
सोलर पैनल लगवाने के लिए आपको विकास भवन स्थित नेडा के कार्यालय में आवेदन करना होगा। वहां से सब्सिडी और कनेक्शन के बारे में जानकारी भी दी जाएगी।