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जब अधिकारीयो के पास चिट्ठी पहुंची तो उन्होंने कार्रवाई के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर के पास भेज दी, उन्होंने झूठी आख्या लगा दी कि साफ सफाई हो गयी और शिकायतकर्ता से बात हुई वो संतुष्ट हैं, लेकिन हकीकत यह है कि शिकायत कर्ता को इंस्पेक्टर द्वारा गुमराह करते हुए यह कहा गया कि “नालियां नहीं जुड़ेंगी तो तालाब में पानी कहां से आएगा ” जब कि उच्चन्यायालय के आदेश हैं कि तालाब से नालियों को नहीं जोड़ा जाएगा। जिलाधिकारी कार्यालय से आरटीआई के जवाब में भी गुमराह किया गया। 6 मई,2019 को जिलाधिकारी कार्यालय से तालाब की जानकारी के लिए आरटीआई लगाई, जिसका उत्तर नहीं दिया गया।
जब अधिकारीयो के पास चिट्ठी पहुंची तो उन्होंने कार्रवाई के लिए सेनेटरी इंस्पेक्टर के पास भेज दी, उन्होंने झूठी आख्या लगा दी कि साफ सफाई हो गयी और शिकायतकर्ता से बात हुई वो संतुष्ट हैं, लेकिन हकीकत यह है कि शिकायत कर्ता को इंस्पेक्टर द्वारा गुमराह करते हुए यह कहा गया कि “नालियां नहीं जुड़ेंगी तो तालाब में पानी कहां से आएगा ” जब कि उच्चन्यायालय के आदेश हैं कि तालाब से नालियों को नहीं जोड़ा जाएगा। जिलाधिकारी कार्यालय से आरटीआई के जवाब में भी गुमराह किया गया। 6 मई,2019 को जिलाधिकारी कार्यालय से तालाब की जानकारी के लिए आरटीआई लगाई, जिसका उत्तर नहीं दिया गया।