guru Arjun Dev shaheedi parv ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/05/guru_arjun_dev_4_4667361-m.jpg”>रावी नदी में समा गए गुरु जी
समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि गुरु जी ने अपनी शहादत 30 मई 1606 में दी थी। उल्लिखित है कि गुरु जी मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर चंदू दीवान ने 3 दिन तक प्रताड़ित किया। पहले खौलते देग पर बैठाया गया। फिर गर्म तवे पर बैठा कर ऊपर रेत डाली गई। गुरु जी इसे परमात्मा की रजा मानकर सारे कष्ट चुपचाप सहन करते रहे और ‘तेरा कीया मीठा लागे, हरि नाम पदार्थ नानक मांगे’ का गायन करते रहे। बाद में रावी नदी में स्नान करने गए फिर उसमें समा गए। शहजादा खुसरो को शरण देने के कारण बादशाह जहांगीर गुरुजी से नाराज था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन गुरु अर्जुन देव जी ने भाई गुरदास की सहायता से 1604 में किया।
समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि गुरु जी ने अपनी शहादत 30 मई 1606 में दी थी। उल्लिखित है कि गुरु जी मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर चंदू दीवान ने 3 दिन तक प्रताड़ित किया। पहले खौलते देग पर बैठाया गया। फिर गर्म तवे पर बैठा कर ऊपर रेत डाली गई। गुरु जी इसे परमात्मा की रजा मानकर सारे कष्ट चुपचाप सहन करते रहे और ‘तेरा कीया मीठा लागे, हरि नाम पदार्थ नानक मांगे’ का गायन करते रहे। बाद में रावी नदी में स्नान करने गए फिर उसमें समा गए। शहजादा खुसरो को शरण देने के कारण बादशाह जहांगीर गुरुजी से नाराज था। श्री गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन गुरु अर्जुन देव जी ने भाई गुरदास की सहायता से 1604 में किया।
छबील लगाने की परंपरा
हैड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि इस अवसर पर मीठे जल की छबील लगाई जाएगी, जिसकी शुरुआत तीसरे गुरु अमरदास जी के समय हुई। जब दूर-दूर संगत उनके दर्शन के लिए पहुंचती थी तब गुड़ की छबील की शुरुआत हुई, जिससे राहत मिल सके। बाद में गुरु रामदास जी ने दरबार साहिब में के चारों कोनों में मीठे जल की छबील स्थापित की, जो आज भी है। इसके बाद गुरु अर्जुन देव जी जिनकी शहादत ज्येष्ठ के महीने में हुई थी, उस वक्त बहुत दूर दूर संगत लाहौर की ओर उमड़ी, जगह-जगह मीठे जल की छबील लगाई गई, जो परम्परा बन गई। तभी से इस गुरुपर्व पर मीठे जल की छबील लगाई जाती है।
हैड ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने बताया कि इस अवसर पर मीठे जल की छबील लगाई जाएगी, जिसकी शुरुआत तीसरे गुरु अमरदास जी के समय हुई। जब दूर-दूर संगत उनके दर्शन के लिए पहुंचती थी तब गुड़ की छबील की शुरुआत हुई, जिससे राहत मिल सके। बाद में गुरु रामदास जी ने दरबार साहिब में के चारों कोनों में मीठे जल की छबील स्थापित की, जो आज भी है। इसके बाद गुरु अर्जुन देव जी जिनकी शहादत ज्येष्ठ के महीने में हुई थी, उस वक्त बहुत दूर दूर संगत लाहौर की ओर उमड़ी, जगह-जगह मीठे जल की छबील लगाई गई, जो परम्परा बन गई। तभी से इस गुरुपर्व पर मीठे जल की छबील लगाई जाती है।
गुरुद्वारा माईथान में होगा मुख्य कार्यक्रम
केंद्रीय तौर पर गुरु अर्जुन देव का शहीदी गुरुपर्व केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान के तत्वावधान में प्रातः 5.30 से 2.30 बजे तक मनाया जाएगा। प्रधान कंवल दीप सिंह ने बताया कि इस दीवान में विशेष रूप से भाई मोहकम सिंह जी पोंटा साहिब वाले अपनी हाजिरी लगाएंगे। इसके अतिरिक्त वीर महिंदर पाल सिंह सुखमनी सेवा सभा आगरा, भाई जसपाल सिंह अखंड कीर्तनी जत्था, ज्ञानी कुलविंदर सिंह हैड ग्रंथी गुरुद्वारा माईथान, ज्ञानी ओंकार सिंह प्रचारक गुरुद्वारा माईथान, भाई मेजर सिंह गुरुद्वारा मधु नगर, भाई गुरबचन सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा माई थान एवं भाई अंकित सिंह, भाई बादल सिंह अपने कीर्तन एवम् कथा से संगत को निहाल करेंगे। मुख्य सेवा दार पाली सेठी ने बताया कि इस अवसर पर दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था वी पी ऑयल मिल पर हमेशा की तरह होगी।
केंद्रीय तौर पर गुरु अर्जुन देव का शहीदी गुरुपर्व केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान के तत्वावधान में प्रातः 5.30 से 2.30 बजे तक मनाया जाएगा। प्रधान कंवल दीप सिंह ने बताया कि इस दीवान में विशेष रूप से भाई मोहकम सिंह जी पोंटा साहिब वाले अपनी हाजिरी लगाएंगे। इसके अतिरिक्त वीर महिंदर पाल सिंह सुखमनी सेवा सभा आगरा, भाई जसपाल सिंह अखंड कीर्तनी जत्था, ज्ञानी कुलविंदर सिंह हैड ग्रंथी गुरुद्वारा माईथान, ज्ञानी ओंकार सिंह प्रचारक गुरुद्वारा माईथान, भाई मेजर सिंह गुरुद्वारा मधु नगर, भाई गुरबचन सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा माई थान एवं भाई अंकित सिंह, भाई बादल सिंह अपने कीर्तन एवम् कथा से संगत को निहाल करेंगे। मुख्य सेवा दार पाली सेठी ने बताया कि इस अवसर पर दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था वी पी ऑयल मिल पर हमेशा की तरह होगी।
गुरुद्वारा गुरु का ताल पर पूरे दिन लगाई जाएगी छबील
गुरुद्वारा गुरु का ताल पर इस अवसर पर हाईवे पर प्रातः 9 बजे से शाम को 6 बजे तक सबसे बड़ी छबील लगाई जाएगी। साथ में केंद्रीय कारागार में बंदियों को भी छबील पिलाई जाएगी। यह जानकारी गुरु के ताल के मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह ने दी। मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी सभी धर्मानुरागियों को पहुंचने की अपील की। शाम को कीर्तन दरबार गुरुद्वारा कलगीधर सदर बाजार में 7 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक मनाया जाएगा।
गुरुद्वारा गुरु का ताल पर इस अवसर पर हाईवे पर प्रातः 9 बजे से शाम को 6 बजे तक सबसे बड़ी छबील लगाई जाएगी। साथ में केंद्रीय कारागार में बंदियों को भी छबील पिलाई जाएगी। यह जानकारी गुरु के ताल के मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह ने दी। मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी सभी धर्मानुरागियों को पहुंचने की अपील की। शाम को कीर्तन दरबार गुरुद्वारा कलगीधर सदर बाजार में 7 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक मनाया जाएगा।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर हुई प्रेस वार्ता में सरदार परमात्मा सिंह, रांणा रनजीत सिंह, बंटी ओबराय हनी मारवाह, दलजीत सिंह, बबलू अर्शी अमरजीत सिंह, इंदरजीत सिंह, बलविंदर सिंह विरेंदर सिंह, कुलविंदर पाल सिंह, लक्की कांद्रा, हरमहिंदर पाल सिंह, रछपाल सिंह, दविंदर सिंह, हरपाल सिंह भोला,हरदीप सिंह डंग आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर हुई प्रेस वार्ता में सरदार परमात्मा सिंह, रांणा रनजीत सिंह, बंटी ओबराय हनी मारवाह, दलजीत सिंह, बबलू अर्शी अमरजीत सिंह, इंदरजीत सिंह, बलविंदर सिंह विरेंदर सिंह, कुलविंदर पाल सिंह, लक्की कांद्रा, हरमहिंदर पाल सिंह, रछपाल सिंह, दविंदर सिंह, हरपाल सिंह भोला,हरदीप सिंह डंग आदि मौजूद थे।