ये है मामला
शनिवार को लहूलुहान व्यक्ति एसएसपी कार्यालय में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी। एसएसपी अमित पाठक ने पीड़ित को बुलाया, उससे पूछा कि क्या वह थाने गए थे। पीड़ित ने बताया कि उसकी घर के पास रहने वाले लोगों से लड़ाई हो गई थी, उसके साथ मारपीट की गई, मुकदमा दर्ज कराने के लिए वह थाना शाहगंज पहुंचा। यहां पुलिस कर्मियों ने कहा कि अभी इंस्पेक्टर साहब नहीं हैं, मुकदमा दर्ज नहीं हो पाएगा। उससे तहरीर लिखने के लिए कहा, उसने तहरीर भी लिख दी, इसके बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, वह थाने में तीन पुलिस कर्मियों से मिला। यहां तहरीर न लिए जाने पर वह कलक्ट्रेट में एसएसपी कार्यालय पहुंचा।
पीड़ित की बात सुनने के बाद एसएसपी अमित पाठक ने उसे अपनी गाड़ी में बिठाया और खुद थाना शाहगंज पहुंच गए। पीड़ित ने थाना शाहगंज के इंस्पेक्टर विनय मिश्रा, एसएसआई जितेंद्र द्विवेदी और मुंशी संजय द्वारा तहरीर न लेने की बात कही।एसएसपी अमित पाठक ने इंस्पेक्टर विनय मिश्रा से हेल्प डेस्क के बारे में पूछा, इसके बाद पीड़ित को दिखाकर कहा कि इसे पहचानते हो तो उन्होंने कहा कि नहीं। पीड़ित की तहरीर न लेने के बारे में पूछा, उन्होंने तर्क दिया कि दूसरा पक्ष भी थाने आ गया है। इसके बाद एसएसपी ने कहा कि दूसरे पक्ष से बात होने के बाद क्या किया, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि अभी कुछ नहीं किया है।
एसएसपी अमित पाठक ने कहा कि लहूलुहान व्यक्ति थाने पहुंचा है, तो पहले उसका प्राथमिक उपचार कराकर मेडिकल कराया जाना चाहिए, इसके बाद मुकदमा दर्ज किया जाए। यह पुलिस का काम है। इस लापरवाही पर एसएसपी अमित पाठक ने इंस्पेक्टर शाहगंज विनय मिश्रा, एसएसआई शाहगंज जितेंद्र द्विवेदी और मुंशी संजय लाइन हाजिर कर दिया है।