उन्होंने पीएम मोदी पर करारे प्रहार करते हुए कहा कि राम जी टाट में, मोदी की सरकार ठाट में। राम जी टेंट में, नेता पार्लियामेंट में। जब तीन बार ट्रिपल तलाक पर कानून आ सकता है, अध्यादेश आ सकता है। एक बार मोदी जी संसद में राम मंदिर पर अध्यादेश क्यों नहीं लेकर आए। राम जी से इतनी दुश्मनी क्यों?। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद, राष्ट्रीय बजरंग दल राम मंदिर पर मध्यस्थता अस्वीकार करता है। जिनका राम मंदिर आंदोलन से कुछ लेना-देना नहीं उन लोगों की मध्यस्थता अस्वीकार है। हमें मध्यस्थता नहीं मंदिर चाहिए।
मनोज कुमार ने कहा कि खुदाई के बाद वहां मंदिर मिला और 84 खंबे निकले थे। अब कौन सी मध्यस्थता। हमने पहले से कहा है कि मंदिर वही, अयोध्या में कोई नई मस्जिद नहीं। बाबर के नाम की भारत में कोई भी मस्जिद नहीं। इनसे कम हमें स्वीकार नहीं। भाजपा ने संसद में कानून नहीं बनाना था तो सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा क्यों निकाली? लाखों कार सेवकों को क्यों मरवाया? क्यों अयोध्या में आडवाणी जी आए थे? क्यों 8 करोड़ लोगों से सवा सवा रुपैया लिए गए थे? अभी भी दो महीने का समय है आप संसद में राम जन्म भूमि के लिए अध्यादेश लेकर आएं और एक सप्ताह में राम मंदिर का निर्माण शुरू करो।
मंदिर नहीं तो वोट नहीं। भाजपा की सरकार ने काशी कॉरिडोर के नाम पर सैकड़ों प्राचीन मंदिर तोड़े हैं। यह मोदी जी का अहंकार नहीं तो क्या है। काशी में मंदिर बचाने के लिए संत सत्याग्रह करते हैं मोदी जी को चिंता नहीं? काशी को काशी नहीं काशी को क्योटो बनाने निकले हैं। हमें काशी चाहिए हमें जापान का क्योटो नहीं चाहिए। मोदी जी में हिम्मत है तो ज्ञान व्यापी मस्जिद हटाकर दिखाते तो मानते कि 56 इंच सीना है। उन्होंने तो काशी के मंदिर ही तुड़वा दिए, वे अयोध्या में क्या राम मंदिर बनाएंगे।
कार सेवकों की लाशों पर सत्ता हथियाने वालों ने ना धारा 370 हटाई और ना समान नागरिक कानून लाए। गौ हत्या पर प्रतिबंध तो छोड़ो वैसे तो काशी को मिटाने निकले हैं। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद ने हिन्दू स्थान निर्माण दल के नाम से राजनीतिक संगठन बनाया है। हमारा संकल्प हम ही देंगे अयोध्या में राम, किसानों को दाम, नौजवानों को काम।