चाइना के ईस्ट जिलिम का है निवासी
सदर में ग्वालियर हाईवे पर सीओडी के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में शनिवार रात को 38 वर्षीय चाइनीज युवक यांग हाई बो को संदिग्ध हालात में घूमते पकड़ा गया था, संदिग्ध चाइनीज पकडऩे की जानकारी पर सुरक्षा एजेंसियां पहुंच गईं। यांग से बातचीत में सिर्फ इतना ही पता चला कि वह ईस्ट चाइना के जिलिम शहर का रहने वाला है। भारतीय लड़कियों को पसंद करता है और शादी करने के लिए यहां आया था। इंस्पेक्टर पर्यटन थाना आरबी पांडेय के मुताबिक यांग के सिलसिले में दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से संपर्क किया जा रहा है। वो 24 अक्टूबर को शंघाई की फ्लाइट से दिल्ली आया था। यांग हाई बो टूरिस्ट वीजा पर यहां आया है, जो कि फरवरी 2018 तक वैध है। इसके अलावा उसका पासपोर्ट वर्ष 2023 तक वैध है। सैन्य क्षेत्र में पकड़े गया यांग हाई बो चाइना आर्मी की वर्दी पहने है। यह वर्दी वर्ष 2013 की बनी हुई है।
सदर में ग्वालियर हाईवे पर सीओडी के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में शनिवार रात को 38 वर्षीय चाइनीज युवक यांग हाई बो को संदिग्ध हालात में घूमते पकड़ा गया था, संदिग्ध चाइनीज पकडऩे की जानकारी पर सुरक्षा एजेंसियां पहुंच गईं। यांग से बातचीत में सिर्फ इतना ही पता चला कि वह ईस्ट चाइना के जिलिम शहर का रहने वाला है। भारतीय लड़कियों को पसंद करता है और शादी करने के लिए यहां आया था। इंस्पेक्टर पर्यटन थाना आरबी पांडेय के मुताबिक यांग के सिलसिले में दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से संपर्क किया जा रहा है। वो 24 अक्टूबर को शंघाई की फ्लाइट से दिल्ली आया था। यांग हाई बो टूरिस्ट वीजा पर यहां आया है, जो कि फरवरी 2018 तक वैध है। इसके अलावा उसका पासपोर्ट वर्ष 2023 तक वैध है। सैन्य क्षेत्र में पकड़े गया यांग हाई बो चाइना आर्मी की वर्दी पहने है। यह वर्दी वर्ष 2013 की बनी हुई है।
यांग के पास सिर्फ एक थैला
यांग के पास से पुलिस को सामान के नाम पर सिर्फ एक थैला मिला। इसमें कुछ नहीं था। कपड़ों के नाम पर सिर्फ एक वर्दी थी। किसी दूसरे देश में सिर्फ एक जोड़ा कपड़ों का पास होना सवाल खड़े करता है। यांग वैसे तो सामान्य व्यवहार करता दिखाई देता है। एजेंसियां जैसे ही उसके व्यक्तिगत एवं व्यवसाय से संबंधित पूछताछ करती हैं, वह असामान्य व्यवहार करने लग जाता है। वह तीन सप्ताह के दौरान कहां-कहां गया, इसका जवाब दुभाषिया को भी नहीं दिया। उसके सामने भी अजीबो गरीब व्यवहार किया। यदि वह जहरखुरानी का शिकार हुआ होता, तो गिरोह सामान के साथ उसकी जेब में रखे रुपये भी ले जाता। जबकि आठ हजार रुपये उसके पास मौजूद हैं।