दरसअल ये विवाद तो बेहद पुराना है कि Taj Mahal तेजो महालय है। ये शिवजी का मंदिर है। पिछले कई वर्षों से शिव सेना द्वारा सावन के महीने में ताजमहल पर पूजा करने का एलान किया जाता रहा है। ताजमहल तक प्रवेश की अनुमति न मिलने के चलते ताजमहल के पाश्र्व में शिवसेना द्वारा पूजा भी की गई है, लेकिन इस बार इस एलान के बाद पुरातत्व विभाग ने 18 जुलाई को जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार को पत्र लिख कहा था कि प्राचीन स्मारक व पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के खंड 5 (6) एवं नियम 19598 (एफ) के प्रावधानों के अनुसार, संरक्षित स्मारक में किसी भी प्रकार का धार्मिक आयोजन और नई परंपरा की शुरुआत करना नियमों के विरुद्ध है।
एएसआई के पत्र पर जिला प्रशासन ने Taj Mahal की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। जिला मैजिस्ट्रेट (एडीएम) केपी सिंह ने कहा कि शहर में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। एएसआई के अनुरोध के अनुसार उचित व्यवस्था की जाएगी। वहीं एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् वसंत स्वर्णकार ने कहा कि ताजमहल में कभी भी कोई आरती या पूजा नहीं की गई है। हमने जिलाधिकारी से ताजमहल के बाहर उचित सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।