जब से ताज बना तब से लेकर अब तक यह इतना सूना कभी नहीं रहा। पूरी दुनिया से पर्यटक चाह लिए इस ऐतिहासिक इमारत को देखने आते हैं। हर प्रेमी युगल की चाह होती है कि वह अपने जीवन में इस अद्भुत इमारत को एक बार दिलभर कर निहार सके। लेकिन, दुनिया के सात अजूबों में से एक ताज लंबे समय से अकेला है। कद्रदानों के स्वागत को रॉयल गेट बेकरार है। लेकिन लगता है उसकी तन्हाई अभी और बढ़ेगी। ताज चुपचाप अपने बेमिसाल हुस्न की कहानी खुद ही कह रहा है, खुद ही सुन रहा है। वाह, ताज सुने लंबा अर्सा बीत गया। पेंजी, डहेलिया, सॉल्विया के रंग बिरंगे फूल यहां लॉकडाउन में भी खिलते रहे। ताज इन्हें खामोशी के साथ निहारता रहा और ये ताज को। आगरा के मेयर नवीन जैन ने ताजमहल के साथ जिले के अन्य स्मारक खोलने की अपील केंद्र सरकार से की है।
2000 करोड़ का कारोबार ठप
ताजमहल देखने देश-विदेश से रोज 25 से 30 हजार पर्यटक आते हैं। कभी कभी तो 35 से 40 हजार लोग आ जाते हैं। इससे हर साल दो हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है। टिकटों से सालाना 104 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। ताजमहल से लगभग चार लाख लोगों की रोजी रोटी जुड़ी है।
कब क्या हुआ
-17 मार्च -2020 को ताजमहल 31मार्च तक के लिए बंद
– 25 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू
– इसके बाद लॉक डाउन-1, लॉक डाउन-2, लॉक डाउन-3 और लॉक डाउन-4 में ताज बंद
-21 से 23 मार्च के बीच तीन दिवसीय उर्स पहली बार नहीं हुआ
-372 साल में पहली बार ईद पर ताज महल की शाही मस्जिद में नमाज नहीं हुई