यह भी पढ़ें Taj mahotsav फैशन शो में रैम्प पर उतरीं जानी-मानी हस्तियां, देखें वीडियो सरकार का जोर उद्घाटन मंडलायुक्त ने विघ्न विनाशक श्री गणेश की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया। हरियाली का प्रतीक हरे रंग के गुब्बारे उड़ाकर उन्होंने शुभकामनाएं दीं व सभी स्टॉलों का अवलोकन कर एजीएफ की सराहना की। कहा सरकार का जोर भी ऐसी योजनाओं पर है जो आर्थिक रूप से फायदेमंद होने के साथ ईको फ्रेन्डली भी हों।
बी द सोल्यूशन नॉट द पोल्यूशन अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ. रंजना बंसल ने कहा बी द सोल्यूशन नॉट द पोल्यूशन। जीवन के इस महानगर को थोड़ा सा देहात करो… संदेश के साथ कहा कि हम अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव कर बहुत कुछ बदल सकते हैं। जरूरत सिर्फ सफल प्रयास और जागरूकता की है। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. डीवी शर्मा, पूरन डाबर, डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, संजय तोमर, मीनाक्षी किशोर, डम्पी मिश्रा आदि मौजूद थे। संचालन श्रुति सिन्हा ने किया।
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश सस्टेनबिल लिविंग विषय पर आयोजित आर्ट एग्जीविशन व नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में लगभग 12 स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। नाटक के माध्यम से नदियों को स्वच्छ रखने, ईंधन, पानी व बिजली की बर्बादी न करने का संदेश दिया। समझाया कि किस करह से हम पॉलीथिन रूपी राक्षक के शिकंजे में जकड़ रहे हैं और अपने जीवन में प्रदूषण को आमंत्रित कर रहे हैं। आर्ट एग्जीविशन में गायत्री पब्लिक स्कूल प्रथम व द्वितीय और होली पब्लिक स्कूल तीसरे स्थान पर रहा। नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में गायत्री पब्लिक स्कूल प्रथम, कर्नल ब्रिटलैंड द्वितीय व होली पब्लिक स्कूल तीसरे स्थान पर रहा।
हल्दी और चुकन्दर के रंगों से खेलें ईको फ्रेन्डली होली यदि आप इस बार ईको फ्रेन्डली होली का मजा लेना चाहते हैं तो आगरा ग्रीन फेस्टिवल में आइये। जहां गेंदा, गुलाब, नीम के पत्ते, हल्दी, चुकन्दर, नींबू के छिलके से तैयार किए गए रंग उपलब्ध हैं। अद्धेत लिविंग की मीनाक्षी किशोर ने बताया कि केमिकल फ्री यह रंग आपकी त्वचा को कोई नुकसान पहुंचाने के बजाय, निखार देंगे।
कपड़ों की कतरन से बने थैले व लिफाफे बचा रहे पेड़ कपड़ों की कतरन किलो भाव खरीदकर उनसे थैले, लिफाफे व डेकोरेटिव सामान तैयार करने वाली सुरभि पाटनी ने बताया कि इनका प्रयोग कर हम काफी हद तक न सिर्फ बेकार समझे जाने वाले कपड़ों का उपयोग कर सकते हैं, बल्कि पेड़ों की कटाई को भी कम किया जा सकता है। बताया कि पहले कपड़ों को प्रोसेस करके कागज तैयार किया जाता है। जो पेड़ों से तैयार कागज के मुकाबले अधिक मजबूत होता है। इसके बाद आर्गेनिग रंगों से स्क्रीन पेंटिंग कर थैले, लिफाफे आदि तैयार किए जाते हैं।