दरअसल, आगरा-दिल्ली हाईवे के टोल पर भी 20 फीसदी वाहन बिना फास्टैग निकल रहे हैं। एक जनवरी से बगैर फास्टैग के वाहनों को टोल से एक किलोमीटर पहले ही रोक लिया जाएगा, ताकि जाम न लग सके। इसके बाद उन्हें दोगुनी धनराशि में फास्टैग लगवाना होगा या रिचार्ज कराना होगा। फास्टैग लगने के बाद ही उन्हें टोल की ओर भेजा जाएगा।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अरुण कुमार यादव ने बताया कि लोग अपनी गाड़ी पर आड़े-तिरछे फास्टैग लगवा लेते हैं। इनको स्कैन करने में परेशानी आती है। गाड़ी पर एक ही फास्टैग लगवाएं, दो या तीन फास्टैग से भी दिक्कत आती है। परियोजना निदेशक का कहना है कि जिन लोगों के पास गाड़ी है, वह फास्टैग भी रखें। इसके अकाउंट में धनराशि है तो कहीं भी जाने में दिक्कत नहीं आएगी।
ये भी पढ़ें – यूपी में प्रधानों के कार्यकाल में आवंटित और आहरित धनराशि की होगी जांच, कमियां पाए जाने पर होगी कार्रवाई
टोल प्लाजा पर भी दी जा रही जानकारी
एक जनवरी से फास्टैग की अनिवार्यता के बारे में वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टोल प्लाजा पर फास्टैग लगाने को लेकर पंफलेट्स बांटे जा रहे हैं। बैनर व पोस्टर भी लगाए गए हैं। परिवहन निगम के बेड़े की आगरा की 595 बसों में फास्टैग लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सेवा प्रबंधक अनुराग यादव ने बताया कि दिल्ली रूट की सभी बसों पर पहले से ही फास्टैग हैं। जिन बसों में नहीं है, उन्हें फास्टैग लगाने के लिए कहा गया है।