आरोपी महिलाएं गिरफ्तार आगरा पुलिस को सूचना मिली कि तीन मासूम बच्चों को बेचने के लिए फरीदाबाद का गैंग कार से गोरखपुर जा रहा है। पुलिस ने लखनऊ एक्सप्रेस वे के फतेहाबाद टोल पर बैरियर लगा दिए। दोनों गाड़ियों को रोक लिया गया। इसके बाद दोनों गाड़ियों के चालक, दो महिलाओं सहित पांच लोगों को पकड़ा गया। महिलाओं को पूछताछ के लिए महिला थाने लाया गया। जहां पहले एक महिला ने यह कहकर गुमराह किया कि वह बच्चे की सगी मां है। काम से गोरखपुर जा रही थी। लेकिन उसके साथ मौजूग दूसरी महिला ने सारा सच बता दिया।
महिला ने बताया कि वह गैंग की सदस्य है। बच्चे उसके नहीं है। बिहार की एक महिला ने साढ़े तीन लाख रुपये में किराए पर अपनी कोख दी थी। महिला ने रुपये लेने के बाद फरीदाबाद में बच्चों को उनके हवाले कर दिया। महिला ने बताया कि बच्चों को नेपाल में एक दंपत्ति को देना था। दंपत्ति ने बच्चों को लेने के लिए मोटी रकम दी थी। जन्म के बाद बच्चों को उनके खरीदार माता-पिता के सुपुर्द करना था। अनलॉक में एक गाड़ी में चालक सहित दो लोग बैठ सकते हैं, इसलिए दो गाड़ियां करनी पड़ी। वे गोरखपुर होते हुए नेपाल जा रहे थे। बच्चे जिनके सुपुर्द करने थे, उनकी जानकारी पकड़े गए गैंग के सदस्य के पास है। उसे सिर्फ बच्चों को साथ ले जाने के लिए रुपये मिलने थे। इसलिए तैयार हो गई।
लॉकडाउन के कारण फरीदाबाद में डिलीवरी महिला की डिलीवरी नेपाल में होनी थी लेकिन लॉकडाउन के कारण महिला नेपाल नहीं जा सकी। मजबूरन उसकी डिलीवरी फरीदाबाद में करनी पड़ी। एसपी देहात पूर्वी प्रमोद ने बताया कि बच्चे के लिए महिला को साढ़े तीन लाख रुपये दिए जा रहे थे। इतनी मोटी रकम के लिए महिला ने अपनी औलाद को बेच दिया। वहीं पकड़ी गई एक महिला एक बच्चे की सगी मां है। उसे कितने रुपये मिले, यह साफ नहीं हो सका है। उससे पूछताछ की जा रही है। इस गैंग में कोई डॉक्टर भी शामिल तो नहीं है, यह भी पता किया जा रहा है।