यह था पूरा मामला
आगरा के आंवलखेड़ा स्थित विक्रम एकेडमी के संचालक अभय शर्मा का कहना है कि वर्ष 2017 में वह दिल्ली रहते थे। उस दौरान वह कालका जी मंदिर में दर्शनों को गए थे तभी उनकी मुलाकात कुनाल ठाकुर नामक युवक से हुई थी। उसने रेलवे में नौकरी लगवाने की बात कही थी। उसके साथ मोहम्मद रागिव जो अपने आप को आईआरएस और ब्रजकिशोर स्वयं को आईएएस अधिकारी बता रहा था। पीड़ित के मुताबिक उन्होंने टीटीई की नौकरी के लिए पांच लाख का खर्च होने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि 70 पदों पर भर्तियां की जानी हैं। इसमें आठ से 10 माह का समय लग जाता है। अभय ने अपने परिचितों और गांव के बेरोजगार युवाओं को भी इसकी जानकारी दी। इस पर गांव के 32 लोग तैयार हो गए।
आगरा के आंवलखेड़ा स्थित विक्रम एकेडमी के संचालक अभय शर्मा का कहना है कि वर्ष 2017 में वह दिल्ली रहते थे। उस दौरान वह कालका जी मंदिर में दर्शनों को गए थे तभी उनकी मुलाकात कुनाल ठाकुर नामक युवक से हुई थी। उसने रेलवे में नौकरी लगवाने की बात कही थी। उसके साथ मोहम्मद रागिव जो अपने आप को आईआरएस और ब्रजकिशोर स्वयं को आईएएस अधिकारी बता रहा था। पीड़ित के मुताबिक उन्होंने टीटीई की नौकरी के लिए पांच लाख का खर्च होने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि 70 पदों पर भर्तियां की जानी हैं। इसमें आठ से 10 माह का समय लग जाता है। अभय ने अपने परिचितों और गांव के बेरोजगार युवाओं को भी इसकी जानकारी दी। इस पर गांव के 32 लोग तैयार हो गए।
इनसे लिए दो करोड़ 44 लाख
अभय का कहना है कि उक्त फर्जी रैकेट के लोगों ने 2.44 करोड़ रुपये ले लिए। छह माह बाद आठ लोगों को ज्वाइनिंग लेटर भेजा गया था। इस लेटर के आधार पर जानकारी की गई तब पता चला कि नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है। अभय ने बताया कि परिचितों ने उनके माध्यम से रकम दी थी। इसे वापस करने के लिए उसने चार बीघा खेत और चार प्लॉट तक बेचने पड़े। उसकी एकेडमी भी इन दिनों बंद चल रही है। अभी भी करीब 32 लाख रुपये उसे वापस करना है। पीड़ित ने पीएमओ कार्यालय में शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। पीएमओ ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मामला सौंपा है।
अभय का कहना है कि उक्त फर्जी रैकेट के लोगों ने 2.44 करोड़ रुपये ले लिए। छह माह बाद आठ लोगों को ज्वाइनिंग लेटर भेजा गया था। इस लेटर के आधार पर जानकारी की गई तब पता चला कि नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है। अभय ने बताया कि परिचितों ने उनके माध्यम से रकम दी थी। इसे वापस करने के लिए उसने चार बीघा खेत और चार प्लॉट तक बेचने पड़े। उसकी एकेडमी भी इन दिनों बंद चल रही है। अभी भी करीब 32 लाख रुपये उसे वापस करना है। पीड़ित ने पीएमओ कार्यालय में शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। पीएमओ ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को मामला सौंपा है।