टैक्स स्लैब में बदलाव न होने से मायूस हैं सर्विस करने वाले
वहीं सरकारी नौकरी करने वाले यतेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि इनकम टैक्स स्लैब में इस बार किसी भी तरह का बदलाव ना होने से कुछ मायूसी हुई है। पिछली बार भी सर्विस करने लोगों के लिए नहीं कुछ खास नहीं था बजट में और इस बार भी कुछ बाहर नहीं निकल सका है। आगामी चुनाव के मद्देनजर उम्मीदें जताई जा रही थीं कि टैक्स स्लैब में इस बार जरूर बदलाव होगा और कुछ राहत मिलेगी। लेकिन, वित्त मंत्री अरुण जेटली का पिटारा नौकरीपेशा लोगों के लिए खाली निकला और उन्होंने इस बार इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया।
वहीं सरकारी नौकरी करने वाले यतेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि इनकम टैक्स स्लैब में इस बार किसी भी तरह का बदलाव ना होने से कुछ मायूसी हुई है। पिछली बार भी सर्विस करने लोगों के लिए नहीं कुछ खास नहीं था बजट में और इस बार भी कुछ बाहर नहीं निकल सका है। आगामी चुनाव के मद्देनजर उम्मीदें जताई जा रही थीं कि टैक्स स्लैब में इस बार जरूर बदलाव होगा और कुछ राहत मिलेगी। लेकिन, वित्त मंत्री अरुण जेटली का पिटारा नौकरीपेशा लोगों के लिए खाली निकला और उन्होंने इस बार इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया।
नोटबंदी के बाद बरकरार है नौकरी का संकट
प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाले कपिल वर्मा का कहना है कि नोटबंदी के बाद से नौकरियों पर लगातार कंपनियां नौकरी में छंटनी कर रही है। सभी संस्थानों में मैनपॉवर में कटौती की जा रही है। इस बजट में उम्मीद थी कि कंपनियों पर कोई अंकुश लगाया जा सके, ताकि नौकरी करने वाले सुरक्षित अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।
प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाले कपिल वर्मा का कहना है कि नोटबंदी के बाद से नौकरियों पर लगातार कंपनियां नौकरी में छंटनी कर रही है। सभी संस्थानों में मैनपॉवर में कटौती की जा रही है। इस बजट में उम्मीद थी कि कंपनियों पर कोई अंकुश लगाया जा सके, ताकि नौकरी करने वाले सुरक्षित अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें।