आगरा में बड़ी चुनौती
करीब ढाई दशक बाद आगरा मेयर की सीट अनारक्षित हो गई है। पहले से ही मेयर के चुनाव के लिए सबसे ज्यादा टिकटार्थी भारतीय जनता पार्टी में हैं, कारण है मेयर की ये सीट भाजपा के खाते में कई बार जा चुकी है। वहीं सीट सामान्य वर्ग के कोटे में जाते ही भाजपा में रस्साकसी तेज हो गई है, क्योंकि भाजपा में सबसे लंबी लाइन सामान्य वर्ग के टिकटार्थियों की है। हालांकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में भी दावेदारों की कमी नहीं है, तो वहीं बहुजन समाज पार्टी से भी दावेदारों की अच्छी संख्या है, क्योंकि भाजपा के उम्मीदवार को बसपा का उम्मीदवार ही टक्कर देता है।
करीब ढाई दशक बाद आगरा मेयर की सीट अनारक्षित हो गई है। पहले से ही मेयर के चुनाव के लिए सबसे ज्यादा टिकटार्थी भारतीय जनता पार्टी में हैं, कारण है मेयर की ये सीट भाजपा के खाते में कई बार जा चुकी है। वहीं सीट सामान्य वर्ग के कोटे में जाते ही भाजपा में रस्साकसी तेज हो गई है, क्योंकि भाजपा में सबसे लंबी लाइन सामान्य वर्ग के टिकटार्थियों की है। हालांकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में भी दावेदारों की कमी नहीं है, तो वहीं बहुजन समाज पार्टी से भी दावेदारों की अच्छी संख्या है, क्योंकि भाजपा के उम्मीदवार को बसपा का उम्मीदवार ही टक्कर देता है।
फिरोजाबाद
फिरोजाबाद में इस बार पहली बार चुनाव हो रहा है। ये सीट ओबीसी महिला के लिए आरक्षित रखी गई है। यहां पर विधायक मनीष असीजा भाजपा से हैं, वहीं सांसद तेज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी के हैं। यहां इस बार मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है। कारण है कि समाजवादी पार्टी फिरोजाबाद को अपना गढ़ मानती है। ऐसे में ये मेयर की कुर्सी हथियाना सपाइयों के लिए बड़ी चुनौती है, तो वहीं भाजपा भी अपनी पूरी ताकत के साथ इस सीट को अपने खाते में लाने की तैयारी कर रही है।
फिरोजाबाद में इस बार पहली बार चुनाव हो रहा है। ये सीट ओबीसी महिला के लिए आरक्षित रखी गई है। यहां पर विधायक मनीष असीजा भाजपा से हैं, वहीं सांसद तेज प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी के हैं। यहां इस बार मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है। कारण है कि समाजवादी पार्टी फिरोजाबाद को अपना गढ़ मानती है। ऐसे में ये मेयर की कुर्सी हथियाना सपाइयों के लिए बड़ी चुनौती है, तो वहीं भाजपा भी अपनी पूरी ताकत के साथ इस सीट को अपने खाते में लाने की तैयारी कर रही है।
मथुरा वृंदावन
मथुरा के 45 और वृंदावन 25 वार्ड को मिलाकर नगर निगम बनाया गया है। दोनों जगहों को मिलाकर निगम की जनसंख्या 6 लाख 26 हजार 808 है। यहां भी मेयर का चुनाव पहली बार हो रहा है। मथुरा की सीट को एससी के लिए आरक्षित किया गया है। यहां भी भाजपा हावी होना चाहती है। ब्रज क्षेत्र सहमीडिया प्रभारी केके भारद्वा ने बताया कि मथुरा वृंदावन में जीत पक्की हे, कारण है कि ये भाजपा का परंपरागत गढ़ रहा है। साथ ही वर्तमान में जितने भी बड़े आयोजन हो रहे हैं, वे मथुरा को केन्द्रित रखकर किए जा रहे हैं। वहीं यहां हाईकास्ट का वचस्र्व रहता है, ऐसे में एससी सीट के माध्यम से भाजपा ने दलित को मौका दिया है, जिससे यहां भाजपा का बोलबाला रहेगा।
मथुरा के 45 और वृंदावन 25 वार्ड को मिलाकर नगर निगम बनाया गया है। दोनों जगहों को मिलाकर निगम की जनसंख्या 6 लाख 26 हजार 808 है। यहां भी मेयर का चुनाव पहली बार हो रहा है। मथुरा की सीट को एससी के लिए आरक्षित किया गया है। यहां भी भाजपा हावी होना चाहती है। ब्रज क्षेत्र सहमीडिया प्रभारी केके भारद्वा ने बताया कि मथुरा वृंदावन में जीत पक्की हे, कारण है कि ये भाजपा का परंपरागत गढ़ रहा है। साथ ही वर्तमान में जितने भी बड़े आयोजन हो रहे हैं, वे मथुरा को केन्द्रित रखकर किए जा रहे हैं। वहीं यहां हाईकास्ट का वचस्र्व रहता है, ऐसे में एससी सीट के माध्यम से भाजपा ने दलित को मौका दिया है, जिससे यहां भाजपा का बोलबाला रहेगा।