प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश ने समस्त कृषकों, खेतिहर मजदूरों एवं मण्डी पल्लेदार जो केवल कृषि अथवा कृषि से सम्बंधित कार्य कर रहे हैं, उन्हें मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया है। इस योजनान्तर्गत कृषि व कृषि से सम्बंधित कार्य करते समय यदि कृषक की किसी दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो प्रदेश सरकार उसके परिवार को तीन लाख रूपये की आर्थिक सहायता देती है। दुर्घटना में दोनों पैर, दोनों हाथ, दो आंख या किसी दो अंगों की क्षति होने पर 75 हजार, एक हाथ, एक पैर अथवा एक आंख की क्षति पर 40 हजार रूपये, चार अंगुलियों की क्षति पर 30 हजार, तीन अंगुलियों की क्षति पर 25 हजार, अंगूठे की क्षति पर 20 हजार रुपये, प्रदेश सरकार द्वारा दुर्घटनाग्रस्त किसान आ उसके परिवार को आर्थिक सहायता देती है। प्रदेश में गत वर्ष 553 लाभार्थियों को 7.71 करोड़ का तथा इस वर्ष जुलाई तक 207 किसान लाभार्थियों को 3.15 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
प्रदेश में लागू मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के अन्तर्गत समस्त मण्डी समितियों के क्षेत्रान्तर्गत खलिहान में एकत्रित फसल एवं खेत में खड़ी फसल में अग्निकाण्ड दुर्घटना हुई तो सम्बंधित किसान को फसल के क्षतिग्रस्त होने पर फसल/क्षेत्रफल के अनुसार 30 हजार से 50 हजार तक की आर्थिक सहायता प्रदेश सरकार देती है। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 10893 किसानों को 10.98 करोड़ रुपये एवं 2018-19 में 11147 किसानों को 13 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता दी गई है।
मण्डी समितियों द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के अन्तर्गत किसानों को कृषि उपकरण उपहार में दिये जाते हैं। कृषि विपणन कार्य में कृषक उत्पादकों की सहभागिता बढ़ाने, मण्डी क्षेत्र/सरकारी क्रय केन्द्रों पर कृषि उपज को बेचने के लिए अभिप्रेरित करने, किसानों को प्रवेश पर्ची एवं प्रपत्र-6 (विक्रेता वाउचर) प्राप्त करने की ओर रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से यह योजना संचालित है। त्रैमासिक ड्रा में पम्पिंगसेट, पॉवर विनोइंग फैन, मिक्सर ग्राइंडर एवं छमाही ड्रा में ट्रैक्टर, पावर ट्रिलर पावर ड्रिफेन हारवेयटर, सोलर पावरपैक संयंत्र किसानों को दिये जाते हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा मण्डी स्थल/उप मण्डी स्थल में लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों या आढ़तियों की मण्डी परिसरों की सीमा में व्यापारिक कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने की दशा में उसके विधिक उत्तराधिकारी को अधिकतम 03 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। उसी तरह बाह्य दृष्टिगत कारणों अथवा प्राकृतिक बिजली गिरने से आग लगने की दशा में दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त किसानों को धान, गेहूं के सरकारी क्रय केन्द्रों पर विक्रय करने पर 20 रुपये प्रति कुन्तल की दर से उतराई, छनाई, सफाई के लिए भी धनराशि की जाती है। प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में उ0प्र0 आलू निर्यात प्रोत्साहन योजना 2018 लागू किया है।
जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसान विकास खंड में संपर्क करें। मंडी समितियों से भी जानकारी कर सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया है कि किसान अपने बच्चों को स्नातक और स्नातकोत्तर में कृषि शिक्षा के लिए प्रेरित करें। बच्चों की पढ़ाई का बोझ प्रदेश सरकार उठा रही है।