दो पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवती को साथ लेकर बिल्डर और इंजीनियर को ब्लैकमेल किया जा रहा था। थाना ताजगंज क्षेत्र में एक मकान के अंदर युवती द्वारा एक कारोबारी को ब्लैकमेल किया जा रहा था। पुलिस जांच में पता चला कि युवती ने मकान खरीदने के लिए बिल्डर से संपर्क किया था और उसे ताजगंज क्षेत्र की कॉलोनी में अपने किराए के मकान पर बुला लिया। बिल्डर उसके घर पहुंचा, युवती अकेली थी। उसने बिल्डर से रोमांस की बातें शुरू कर दी, कहा कि उसका पति फौजी है। बिल्डर भी युवती को देख रोमांटिक हो गया, युवती ने बिल्डर के कपड़े उतरवा दिए, उसका वीडियो बनाने के बाद शोर मचा दिया। इसके बाद एक युवक आया जिसने बताया कि वो उसका फौजी पति है। कुछ ही देर में दो सिपाही आ गए। चीख पुकार मचने पर कॉलोनी के लोगों ने भी पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस के पहुंचते ही मामला खुल गया। बिल्डर ने बताया कि युवती और उसके साथी मामले को रफा दफा करने के लिए 10 लाख रुपये मांग रहे थे, इस पर शक गहराता चला गया और मामला खुल गया।
पुलिस की जानकारी के मुताबिक सदर बाजार थाने पर तैनात सिपाही दीपक सोलंकी और पुलिस लाइन में तैनात कवि चौधरी के साथ अपने पति से अलग रह रही महिला के साथ ब्लैकमेलिंग का प्लान तैयार करने वाला इंद्रापुरम निवासी आशीष शर्मा और महिला का भाई बनकर गिरोह में शामिल रकाबगंज निवासी गौरव ब्लैकमेलिंग का रैकिट चला रहे थे।
पुलिस ने बताया युवती अपने पति से अलग रह रही थी और सोशल मीडिया से शहर के बिल्डर और इंजीनियर सहित पैसे वाले लोगों से चैटिंग करती थी। उनके साथ रोमांटिक बातें करने के बाद उन्हें मिलने के लिए कमरे पर बुलाती थी। कमरे में जब ये लोग आ जाते थे इसके बाद इनके कपड़े उतरवाने का वीडियो बनाती थी। तभी गिरोह का सदस्य आशीष उसका पति बनकर आ जाता था। युवती बिल्डर और इंजीनियर पर रेप का आरोप लगाकर ब्लैक मेल करती थी। फोन कर गिरोह के सदस्य दोनों पुलिस कर्मियों को बुला लेते थे। बदनामी के डर से 50 हजार से पांच लाख तक में सौदा हो जाता था। गिरोह के जाल में कई बिल्डर फंस चुके हैं। अब पुलिस इनके द्वारा फंसाए गए बिल्डरों और इंजीनियरों का पता लगाने में जुटी है।