वर्ष में एक बार ही मिलता है ये मौका
उर्स में शामिल होने के लिय दूर दूर से लोग आ रहे हैं। आपको बता दें कि वर्ष में एक बार ही मौका मिलता है, जब मुमताज और शाहजहां की असली कब्रें देख सकते हैं। इसके साथ ही उर्स के तीनों दिन ताजमहल पर प्रवेश भी निशुल्क रहता है। इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को शहंशाह शाहजहां का उर्स मनाया जाता है। इस बार यह दो से चार अप्रैल तक मनाया जा रहा है।
उर्स में शामिल होने के लिय दूर दूर से लोग आ रहे हैं। आपको बता दें कि वर्ष में एक बार ही मौका मिलता है, जब मुमताज और शाहजहां की असली कब्रें देख सकते हैं। इसके साथ ही उर्स के तीनों दिन ताजमहल पर प्रवेश भी निशुल्क रहता है। इस्लामिक कैलेंडर के रजब माह की 25, 26 व 27 तारीख को शहंशाह शाहजहां का उर्स मनाया जाता है। इस बार यह दो से चार अप्रैल तक मनाया जा रहा है।
आज ये कार्यक्रम
उर्स के दूसरे दिन बुधवार को ताजमहल में दोपहर दो बजे संदल की रस्म होगी। इस दौरान सूर्यास्त तक ताजमहल में कव्वाली गूंजेगी। दूर दूर से सैलानी ताजमहल में आ रहे हैं। वहीं उर्स के तीसरे दिन गुरुवार की सुबह कुलशरीफ और कुरानख्वानी होगी। इसके बाद चादरपोशी, गुलपोशी के साथ पंखे चढ़ाने का सिलसिला शुरू होगा, जो दिनभर चलेगा।
उर्स के दूसरे दिन बुधवार को ताजमहल में दोपहर दो बजे संदल की रस्म होगी। इस दौरान सूर्यास्त तक ताजमहल में कव्वाली गूंजेगी। दूर दूर से सैलानी ताजमहल में आ रहे हैं। वहीं उर्स के तीसरे दिन गुरुवार की सुबह कुलशरीफ और कुरानख्वानी होगी। इसके बाद चादरपोशी, गुलपोशी के साथ पंखे चढ़ाने का सिलसिला शुरू होगा, जो दिनभर चलेगा।