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इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मिला आगरा को अपना हक

locationआगराPublished: Aug 18, 2017 04:13:00 pm

आगरा के लिए बड़ी खबर, जल्द बनने जा रहा सिविल टर्मिनल।

Uttar Pradesh government

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आगरा। न जनप्रतिनिधियों ने सुनवाई की, नाहीं अधिकारियों ने। इलाहबाद हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे सिविल सोसाइटी को बड़ी जीत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सिविल टर्मिनल के लिए बाकी की रकम जारी कर दी है। शुक्रवार को सिविल सोसायटी द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में समिति के सदस्यों ने कहा कि सि‍वि‍ल एन्करलेव को वायुसेना स्टेयशन खरि‍या के परि‍सर से धनौली स्थि ‍त नए चि‍न्हिh‍त स्थाथन पर शि‍फ्ट करने का काम तेजी से शुरू करने के लि‍ये जमीन अधि‍ग्रहण का काम तेजी के साथ होना चाहि‍ए। राज्यस सरकार के द्वारा इसके लि‍ये 64, 94, 03,990 रपये अवमुक्ता कि‍ये जा चुके हैं।
स्थिति हो गई साफ
शासन आदेश से अब तक बनी हुई असमंजस कि स्थिति से पर्दा हट गया है। शासनादेश के अनुसार आगरा के कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को मार्क किया गया है। बता दें कि सि‍वि‍ल सोसायटी आगरा ने सि‍वि‍ल एंक्लेव के लि‍ए सरकार से उसके मंत्रि‍यों और जनअपेक्षा के अनुरूप धन अवमुक्तर कि‍ए जाने के लि‍ए सोशल मीडिया पर ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट अभि‍यान चलाकर जनजागरण करने का प्रयास कि‍या था। इसी के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहि‍त याचि‍का भी दाखि‍ल की हुई थी। 17 अगस्त को इस याचि‍का में प्रति‍वादी के रूप में उप्र सरकार को धन उपलब्ध करवाने की स्थिच‍ति‍ स्पष्टे करने को जबाब दाखि‍ल करना था, जबकि‍ यूपी सरकार ने 16 अगस्त को ही अपेक्षि‍त की गई अवशेष 64, 94, 03,990 रूपये राशि‍ को अवमुक्त कर दि‍या। इसके लि‍ये सि‍वि‍ल सोसायटी धन्यवाद व्‍यक्त करती है। साथ ही जिला प्रशासन से अपेक्षा करती है, कि‍ उपलब्ध करवाए गए धन को कि‍सानों को भुगतान कर जमीन अधि‍ग्रहण की कार्रवाई पूर्ण की जाए।
गठित की जाए कमेंटी
भारत सरकार खास कर एयरपोर्ट अथॉर्टी आॅफ इंडि‍या से अपेक्षा है कि‍ एयरपोर्ट बनाने के लि‍ये उत्तर प्रदेश सरकार से कि‍ए गए एमओयू के अनुसार जमीन हस्तां तरण की प्रक्रि‍या की औपचारि‍कता पूरी करने के साथ ही सि‍वि‍ल एन्क्लेव के नि‍र्माण की प्रक्रि‍या शुरू करवाएं। सोसायटी का मानना है कि‍ सि‍वि‍ल एन्क्लेव का नि‍र्माण तभी सहजता के साथ संपन्न हो सकता है, जब इसके कार्यों पर नि‍गरानी के लि‍ए नागरि‍क सहभागि‍ता वाली प्रभावी कमैटी शासन या प्रशासन गठि‍त करे। सि‍वि‍ल एन्कालेव के प्रबंधन के लि‍ए एयरपोर्ट अथॉर्टी के द्वारा गठि‍त की जाती रही। परंपरागत कमेटी नये सि‍वि‍ल एन्क्लेव के नि‍र्माण के बारे में दखल देने को अधि‍कार देने को पर्याप्त रूप से सक्षम साबि‍त नहीं हो सकी है। इसके कि‍सी भी सदस्य को कभी भी हटाया जा सकता है और नये को उसके स्थान पर मोनोनीत कि‍या जा सकता है।
ये बोले सोसायटी के अधिवक्ता
सोसायटी के वकील अकलंक कुमार जैन के अनुसार इलाहाबाद हाई कोर्ट में सि‍वि‍ल सोसायटी की याचि‍का संख्याा 33628/2017/ पर 2 अगस्त 2017 को पहली सुनवाई हुई थी। 17 अगस्तय को प्रति‍पक्षि‍यों को रि‍ज्वााइंडर दाखि‍ल करने थे, जबकि‍ अगली सुनवाई की ति‍थि‍ 24-8-17 पड़ी है। सोसायटी नगर नि‍गम सदन के सभी पार्षदों का अभार व्येक्त करती है, जि‍न्हों ने ने सि‍वि‍ल एन्कालेव की मांग को लेकर न केवल प्रस्ताव पारि‍त कि‍या, साथ ही पदेन सदस्यों की भूमि‍का पर गंभीर चि‍ता व्यंक्ते करती है, जो कि‍ न केवल पदेन सदस्य के रूप मे उदासीन रहे अपि‍तु वि‍धायि‍का के सदस्य के रूप में भी जन अपेक्षि‍त भूमि‍का अदा नहीं कर सके। प्रेस वार्ता में अनिल शर्मा, शिरोमणि सिंह, राजीव सक्सेना, भारत भूषण, गोपाल गुरु, भुवनेश श्रोतिया, राम टंडन, ओम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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