एक समुदाय विशेष हिंदू बस्तियों में कब्जा कर रहा
संगठन की एक संयुक्त बैठक में ये निर्णय हुआ। यहां प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पाराशर ने किसी संप्रदाय का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था। उन्होंने कहा कि एक समुदाय विशेष हिंदू बस्तियों में कब्जा कर रहा है। वहां हिंदुओं को मकान बेचने के लिए इस तरह व्यूह रचना की जाती है कि वह बस्ती छोड़कर जाने को मजबूर हो जाएं। अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। लैंड जेहाद के लिए हिंदूवादी संगठन आगामी नई साल से सक्रिय हो जाएंगे और एक अभियान भी चलाएंगे।
संगठन की एक संयुक्त बैठक में ये निर्णय हुआ। यहां प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पाराशर ने किसी संप्रदाय का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ था। उन्होंने कहा कि एक समुदाय विशेष हिंदू बस्तियों में कब्जा कर रहा है। वहां हिंदुओं को मकान बेचने के लिए इस तरह व्यूह रचना की जाती है कि वह बस्ती छोड़कर जाने को मजबूर हो जाएं। अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। लैंड जेहाद के लिए हिंदूवादी संगठन आगामी नई साल से सक्रिय हो जाएंगे और एक अभियान भी चलाएंगे।
बड़ी संख्या में हुई है खरीद फरोख्त
विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल मान रहा है कि कई बस्तियों में ये जमीन जेहाद चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि लोहामंडी में एक क्षेत्र जहां मंदिर में पूजा अर्चना को लेकर इसी साल नवरात्रि में बड़ा हंगामा हुआ था, वहां के हिंदुओं की जमीन को बड़ी संख्या में खरीदा गया है। ऐसे ही कई अन्य क्षेत्रों की जमीनों को दूसरे समुदाय ने ईदगाह, शहीद नगर आदि में खरीदा है। यहां पर विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसकी रूपरेखा बनाई जाएगी।
विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल मान रहा है कि कई बस्तियों में ये जमीन जेहाद चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि लोहामंडी में एक क्षेत्र जहां मंदिर में पूजा अर्चना को लेकर इसी साल नवरात्रि में बड़ा हंगामा हुआ था, वहां के हिंदुओं की जमीन को बड़ी संख्या में खरीदा गया है। ऐसे ही कई अन्य क्षेत्रों की जमीनों को दूसरे समुदाय ने ईदगाह, शहीद नगर आदि में खरीदा है। यहां पर विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसकी रूपरेखा बनाई जाएगी।
लव जेहाद पर है कड़े तेवर
गौरतलब है कि विश्वहिंदू परिषद और और सहयोगी संगठन का लव जेहाद पर भी लगातार आक्रामक रुख रहता है। हिंदूवादी संगठन का ये फैसला इसलिए उठा है कि कुछ साल पहले विश्वहिंदू परिषद ही आगरा के कई क्षेत्रों से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठा चुकी है। आरोप लगाया था कि कुछ बस्तियों में हिंदू अल्पसंख्यक होने के बाद वहां से पलायन कर चुके हैं। विहिप ने कुछ साल पहले इनकी सूची भी जारी की थी। लेकिन, प्रशासन की रिपोर्ट में ये मामला खुला नहीं था। लव जेहाद के अब लैंड जेहाद प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है।
गौरतलब है कि विश्वहिंदू परिषद और और सहयोगी संगठन का लव जेहाद पर भी लगातार आक्रामक रुख रहता है। हिंदूवादी संगठन का ये फैसला इसलिए उठा है कि कुछ साल पहले विश्वहिंदू परिषद ही आगरा के कई क्षेत्रों से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठा चुकी है। आरोप लगाया था कि कुछ बस्तियों में हिंदू अल्पसंख्यक होने के बाद वहां से पलायन कर चुके हैं। विहिप ने कुछ साल पहले इनकी सूची भी जारी की थी। लेकिन, प्रशासन की रिपोर्ट में ये मामला खुला नहीं था। लव जेहाद के अब लैंड जेहाद प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है।