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आगरा

अगर आपने बैंक से लिया है Loan और EMI हो गई बाउंस तो परेशान न हों, ऐसे हल करें समस्या…

जानिए बैंक EMI बाउंस होने पर क्या करें। लोन लेते समय किन बातों को ध्यान रखना जरूरी और लोन जल्दी कैसे चुकाएं।

आगराJul 22, 2019 / 05:30 pm

suchita mishra

आजकल लोग कार, घर, एसी, मोबाइल, लैपटॉप वगैरह तमाम चीजें लोन (Loan) पर उठाते हैं। इसके लिए तय तारीख में एक निश्चित समय तक EMI (Equated Monthly Installments) देनी पड़ती है। ऐसे में यदि किसी महीने में आप किसी कारण ईएमआई समय से भरने से चूक गए तो आपको इसका खामियाजा पेनल्टी (Penalty) देकर चुकाना होता है। सरकारी व निजी बैंकों द्वारा एक किस्त पर 500 से लेकर 100 रुपए तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है।
किस्त बाउंस होने पर ये करें
यदि आपकी भी कोई किस्त किसी कारण से बाउंस हो गई है तो आपको भी कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए। सबसे पहले किस्त बाउंस होते ही आप बैंक जाएं और मैनेजर को अपनी समस्या बताएं। ऐसे में मैनेजर आपको आगे की बाकी किस्त समय पर चुकाने की सलाह देगा। लेकिन अगर आपकी समस्या ज्यादा बड़ी है तो आप मैनेजर से बात करके किस्त को कुछ समय के लिए होल्ड करने का आवेदन लगा सकते हैं। कुछ समय बाद आप पैसों का इंतजाम होने पर रकम चुका सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखें
— बैंक का कोई भी दस्तावेज बिना पढ़े साइन न करें। लोन लेने से पहले उसकी पॉलिसी और जरूरी दस्तावेजों की जानकारी जरूर समझ लें।

— बैंक को दिए गए चेक पर अपने हस्ताक्षर की जांच कर लें। साइन न होने, नहीं मिलने और चेक वापस होने की पेनल्टी भी धारक की होती है।
— जिस बिल्डर से मकान का सौदा किया है उसकी जमीन के दस्तावेज देखने के बाद ही लोन लें। कोई कमी होने पर बैंक बीच में ही लोन बंद कर सकता है और जितनी रकम बैंक ने दे दी है, उसका भुगतान आपको करना होगा।
— लोन के गारंटर बनने से पहले भी दस बार सोचें क्योंकि लोन चुकाने की जिम्मेदारी गारंटर की भी होती है।

लोन जल्दी चुकाने का तरीका
— लोन को जल्दी चुकाने का बेहद आसान तरीका है कि आप अपनी ईएमआई की किस्त बड़ी करवा दें। यदि आपकी बोनस, इन्क्रीमेंट आदि से आपकी इनकम बढ़ी है तो इसका सदुपयोग अपने लोन में करें। लोन की किस्त बढ़वाकर आप इसे जल्द से जल्द चुका सकते हैं।
— इसके अलावा आपके पास इकट्ठा पैसा कहीं से आया है तो आप बैंक में प्रीपेमेंट कर सकते हैं। इससे या तो आपकी लोन की अवधि को घटा दिया जाएगा, या फिर आपकी किस्त को कम कर दिया जाएगा।
— जिस बैंक से आपने लोन लिया वहां की ब्याज दर अधिक है और दूसरा बैंक कम ब्याज पर लोन दे सकता है, तो लोन की रीफाइनेंसिंग भी कराई जा सकती है।

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