क्य़ा है मामला दरअसल शहर के सर्जन की पत्नी का 20 वर्ष पहले एक्सीडेंट हो गया था। पत्नी की देखभाल के लिए सर्जन ने एक महिला को घर पर रखा। उसी महिला का कहना है कि धीरे-धीरे सर्जन से नजदीकियां बढ़ गईं तो उसने शादी कर ली। वह सर्जन के साथ ही रहने लगी। एक दिन उसके पेट में दर्द हुआ तो उसने सर्जन को बताया। सर्जन ने अपेंडिक्स बताकर उसका ऑपरेशन कर दिया।
कई वर्षों तक जब महिला का कोई बच्चा नहीं हुआ तो उसने किसी अन्य चिकित्सक से परामर्श लिया। चिकित्सक से परामर्श में उसे पता चला कि उसका गर्भाशय निकाला जा चुकी है। इस सच्चाई को सुन महिला के होश उड़ गए। महिला ने सर्जन से बात की तो उसने ऐसा किए जाने से साफ इनकार कर दिया। महिला ने परिवार परामर्श केंद्र पर सर्जन की शिकायत की। सर्जन को भी बुलाया गया तो सर्जन ने कहा कि महिला को सिर्फ पत्नी की देखभाल के लिए रखा गया है। महिला के सभी आरोप निराधार हैं।