ये है मामला
वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांशीराम आवास योजना शुरू की गई थी। जिसमें मलिन बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बेघर लोगों को आवास आवंटित किए गए थे। यमुना पार कालिंदी बिहार में भी सात ब्लाॅकों में लोगों को मकान आवंटित किए गए थे। ए से लेकर एफ ब्लाॅक बनाए गए हैं। बी, सी, डी, ई, तथा एफ ब्लाॅक के बच्चों के पढ़ने के लिए कोई सरकारी स्कूल नहीं हैं। स्कूल न होने से सैकड़ों बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। यहां स्कूल की बहुत आवश्यकता है। सीवर चौक पड़े हैं सभी को खुले में शौच जाना पड़ता है। महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी की जाती है। कई बच्चियां शोषण की शिकार हो चुकी हैं। बच्चियों को छिपा कर रखा जाता है। विद्यालय दूर होने के कारण बच्चियों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। सरकार द्वारा लगाई गई सबमर्सिवल पंप खराब हो चुकी है। टैंकर द्वारा तीन रूपये में एक बाल्टी तथा सौ रूपये में एक ड्रम पानी मिलता है। असमाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। महिलाएं और लड़कियों को घर से बाहर निकलने में डर लगता है।
वर्ष 2008 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांशीराम आवास योजना शुरू की गई थी। जिसमें मलिन बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बेघर लोगों को आवास आवंटित किए गए थे। यमुना पार कालिंदी बिहार में भी सात ब्लाॅकों में लोगों को मकान आवंटित किए गए थे। ए से लेकर एफ ब्लाॅक बनाए गए हैं। बी, सी, डी, ई, तथा एफ ब्लाॅक के बच्चों के पढ़ने के लिए कोई सरकारी स्कूल नहीं हैं। स्कूल न होने से सैकड़ों बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। यहां स्कूल की बहुत आवश्यकता है। सीवर चौक पड़े हैं सभी को खुले में शौच जाना पड़ता है। महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़खानी की जाती है। कई बच्चियां शोषण की शिकार हो चुकी हैं। बच्चियों को छिपा कर रखा जाता है। विद्यालय दूर होने के कारण बच्चियों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। सरकार द्वारा लगाई गई सबमर्सिवल पंप खराब हो चुकी है। टैंकर द्वारा तीन रूपये में एक बाल्टी तथा सौ रूपये में एक ड्रम पानी मिलता है। असमाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। महिलाएं और लड़कियों को घर से बाहर निकलने में डर लगता है।
ये की गईं मांग
1. बच्चों की शिक्षा हेतु स्कूल का निर्माण कराया जाए।
2. खराब पड़ी सबमर्सिवल पंप सही कराई जाए।
3. वाटर वक्र्स की पाइप लाइन डलवाई जाए।
4. चैक पड़े सीवर चालू कराए जाएं।
5. सभी खुले मेनहाल बंद कराए जाए।
6. पुलिस की गश्त करवाई जाए। अवैध जुआ बंद कराया जाए। दबंगों पर कार्यवाही कराई जाए। सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
7. आईसीपीएस के तहत बाल सुरक्षा समिति बनवाई जाए।
8. जर्जर पड़ी बिल्डिंगों की मरम्मत कराई जाए।
होगा उग्र आंदोलन
महिलाओं ने कहा कि यदि शीघ्र ही समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में नरेश पारस, सोनू चैहान, लज्जावती, गीता देवी, बबिता देवी, गुड्डी, सुनीता, कांता, विमला, सुरेन्द्र सिंह, प्रदीप आदि शामिल रहे।