बढ़ेगा पढ़ाई पर बोझ
आगरा में Parishadiya Vidhyalaya में शिक्षा प्रेरकों की अच्छी संख्या है। करीब चार सौ से अधिक Shiksha Prerak परिषदीय स्कूलों में शिक्षा कार्य करते थे। योगी सरकार के फैसले के बाद मंगलवार को स्कूल खुले, तो शिक्षा प्रेरकों के लिए मुसीबत का दिन था। Yogi Government के फरमान के बाद शिक्षा प्रेरकों के सामने बेरोजगारी का संकट आकर खड़ा हो गया है। वहीं साक्षर भारत योजना (Shakshar Bharat Yojana) के जिला समन्वयक ब्लाक समन्वयक व प्रेरकों की संविदा नहीं बढ़ाए जाने से विभिन्न विद्यालयों से जुड़े करीब चार सौ से अधिक प्रेरक प्रभावित हुए हैं। इन सभी की सेवाएं समाप्त हो गईं। साक्षर भारत योजना में जिला व ब्लाक स्तर चार और एक समन्वयक की नियुक्ति के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के लिहाज से संविदा आधार पर प्रेरकों की तैनाती की गई थी। हर आदमी को शिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में अनियमितता की लगातार शिकायतें मिल रही थी।
आगरा में Parishadiya Vidhyalaya में शिक्षा प्रेरकों की अच्छी संख्या है। करीब चार सौ से अधिक Shiksha Prerak परिषदीय स्कूलों में शिक्षा कार्य करते थे। योगी सरकार के फैसले के बाद मंगलवार को स्कूल खुले, तो शिक्षा प्रेरकों के लिए मुसीबत का दिन था। Yogi Government के फरमान के बाद शिक्षा प्रेरकों के सामने बेरोजगारी का संकट आकर खड़ा हो गया है। वहीं साक्षर भारत योजना (Shakshar Bharat Yojana) के जिला समन्वयक ब्लाक समन्वयक व प्रेरकों की संविदा नहीं बढ़ाए जाने से विभिन्न विद्यालयों से जुड़े करीब चार सौ से अधिक प्रेरक प्रभावित हुए हैं। इन सभी की सेवाएं समाप्त हो गईं। साक्षर भारत योजना में जिला व ब्लाक स्तर चार और एक समन्वयक की नियुक्ति के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता के लिहाज से संविदा आधार पर प्रेरकों की तैनाती की गई थी। हर आदमी को शिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में अनियमितता की लगातार शिकायतें मिल रही थी।
मानदेय समय पर नहीं
Shiksha Prerak आगरा के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने का काम भी करते थे। शिक्षा प्रेरकों को मानदेय के नाम पर महज कुछ सौ रुपये ही मिलते थे। शिक्षा प्रेरक रामनाथ सिंह ने बताया कि छह महीने से मानदेय भी नहीं मिला। सरकार ने हटाने का फरमान सुना दिया। इसके बाद अब उनके पास जीवन यापन करने का कोई सहारा नहीं बचा है। मानदेय न मिलने के चलते उनके आगे रोजी रोटी का भी संकट आकर खड़ा हो गया। अब रोजगार का भी संकट आकर खड़ा हो गया है। ऐसे में उनके सामने कोई रास्ता नहीं बचा है।
Shiksha Prerak आगरा के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने का काम भी करते थे। शिक्षा प्रेरकों को मानदेय के नाम पर महज कुछ सौ रुपये ही मिलते थे। शिक्षा प्रेरक रामनाथ सिंह ने बताया कि छह महीने से मानदेय भी नहीं मिला। सरकार ने हटाने का फरमान सुना दिया। इसके बाद अब उनके पास जीवन यापन करने का कोई सहारा नहीं बचा है। मानदेय न मिलने के चलते उनके आगे रोजी रोटी का भी संकट आकर खड़ा हो गया। अब रोजगार का भी संकट आकर खड़ा हो गया है। ऐसे में उनके सामने कोई रास्ता नहीं बचा है।